सिर्फ इमामों को वेतन क्यों? खिंचाई कर कोर्ट ने AAP सरकार से मांगा जवाब
अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तिथि निर्धारित की है।
नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार एवं दिल्ली वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने सिर्फ इमाम एवं मुअज्जिनों को वेतन दिए जाने को लेकर उनका जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार एवं दिल्ली वक्फ बोर्ड को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। इस जनहित याचिका में सरकारी पैसों से इमाम एवं मुअज्जिनों को वेतन देने की सरकार की नीति को चुनौती दी गई है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन एवं जस्टिस मनप्रीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिवीजन बेंच ने कहा है कि यदि सरकार की ओर से एक संस्था को मदद दी जाती है तो दूसरी धार्मिक संस्थाएं भी मदद मांगने के लिए आगे आ सकती है। बेंच का कहना है कि यदि एक धर्म के साथ ऐसा किया जाता है तो दूसरे भी आगे आते हुए कहेंगे कि हमें भी सब्सिडी दीजिए। आखिर यह सिलसिला कहां जाकर खत्म होगा?
उन्होंने कहा कि यह वह लोग नहीं है जो राज्य के लिए काम कर रहे हैं बैंच ने कहा है कि आप साउथ इंडिया में या देश के दूसरे हिस्सों में जाइए, आप देखेंगे की धार्मिक संस्थाएं कितनी बड़ी भूमिका निभाती है। इसी तरह यदि आप प्राचीन भारत के बारे में अध्ययन करेंगे तो दिखाई देगा की पूरी अर्थव्यवस्था मंदिरों के इर्द-गिर्द घूमती है। बैंच ने कहा कि सभी संस्थाएं समान है। अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तिथि निर्धारित की है।