अवैध संबंधों का परिणाम- हत्यारोपी को मिली उम्रकैद, इतना हुआ जुर्माना

अभियोजक यशपाल सिंह एवं एडीजीसी सहदेव सिंह द्वारा आरोपी को सजा दिलाने के लिए जोरदार पैरवी की गई।

Update: 2022-08-22 12:59 GMT

मुजफ्फरनगर। वर्ष 2009 की 10 मई को मंसूरपुर के गांव नरा के जंगल में अवैध संबंधों का विरोध करने पर प्रेमिका के साथ मिलकर की गई उसके पति की हत्या के मामले में हत्यारोपी प्रेम को अदालत की ओर से उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट द्वारा दोषी पाए हत्यारोपी के ऊपर 10000 रूपये का जुर्माना भी किया गया है। उधर फरार चल रही पत्नी अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग पाई है। जबकि उसका प्रेमी जेल की सलाखों के पीछे रहकर अपनी जिंदगी के दिन गुजार रहा है।

सोमवार को जिला अदालत में वर्ष 2009 की 10 मई को थाना मंसूरपुर क्षेत्र के गांव नरा में पत्नी के साथ अवैध संबंधों का विरोध किए जाने पर की गई दलित मुकेश की हत्या के मामले की सुनवाई में दोषी पाए गए आरोपी किशन कुमार को अदालत की ओर से सजा का ऐलान किया गया है। अवैध संबंधों के चलते प्रेमिका के साथ मिलकर मुकेश की हत्या करने के आरोपी किशन कुमार को अदालत द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। आरोपी के ऊपर 10000 रूपये का जुर्माना भी अदालत की ओर से किया गया। इस मामले में दो अन्य आरोपी बबलू एवं साबिर सबूत के अभाव में अदालत द्वारा बरी कर दिए गए है। मुख्य बात यह है कि प्रेमी के साथ मिलकर पति को ठिकाने लगाने वाली मृतक की पत्नी अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाई और वह फरार चल रही है।

एससी एसटी एक्ट के विशेष जज जमशेद अली की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर लोक अभियोजक यशपाल सिंह एवं एडीजीसी सहदेव सिंह द्वारा आरोपी को सजा दिलाने के लिए जोरदार पैरवी की गई।

अभियोजन की कहानी के अनुसार वर्ष 2009 की 10 मई को मेरठ निवासी मुकेश अपने घर से किसी के पास उधार के रुपए लेने के लिए गया था। लेकिन वह वापस नहीं लौटा। बाद में उसका शव अगले दिन मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नरा के जंगल से बरामद हुआ था। इस मामले में चौकीदार की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के बाद मृतक की शिनाख्त कर ली गई थी।

पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला कि मुकेश की पत्नी से आरोपी किशन कुमार के अवैध संबंध थे। जिसका मुकेश लगातार विरोध करता था। उसे रास्ते से हटाने के लिए किशन कुमार ने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी है। मामले की जांच तत्कालीन सीओ एस के शुक्ला द्वारा की गई थी। जिसमें किशन कुमार समेत चार नाम प्रकाश में आए थे। जिनमें दो आरोपी आज सबूत के अभाव में अदालत द्वारा बरी कर दिये गये है। जबकि मृतक की पत्नी संगीता फरार है।

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