रंजिश के चलते हुआ था क़त्ल- 6 भाइयों को सुनाई उम्रकैद की सजा

अदालत ने हत्या के 17 साल पुराने एक मामले में अधिवक्ता समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।

Update: 2024-09-13 14:31 GMT

औरैया। उत्तर प्रदेश में औरैया जिले की एक अदालत ने हत्या के 17 साल पुराने एक मामले में अधिवक्ता समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।

दिबियापुर थाना क्षेत्र के गांव चपोली में पुरानी रंजिश के चलते एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।17 साल पुराने मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने निर्णय सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) विकास गोस्वामी ने इस हत्याकांड में एक अधिवक्ता प्रद्युम्न तिवारी उर्फ पिंटू व उसके पांच भाइयों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। आरोपी वकील की मां मिथलेश कुमारी को कोर्ट ने दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिबियापुर क्षेत्र के ग्राम चपौली निवासी रामस्वरूप पाठक ने अपने ही गांव के सात लोगों के खिलाफ थाना दिबियापुर में हत्या का मामला दर्ज कराया था। वादी ने बताया कि दिनांक 18 नवंबर 2007 की दोपहर उसका भाई रामदास रामदास उर्फ अल्लू पाठक,भतीजा अनुज और भतीजी सरिता केरोसिन लेने के लिये कोटा डीलर हरीकिशन तिवारी के दरवाजे पर पहुंचे।

उसी समय विपक्षी मंजुल उर्फ अनुराग तिवारी, पिन्टू उर्फ प्रध्यम्न तिवारी, अतुल तिवारी व कपिल तिवारी पुत्रगण किशन बाबू तिवारी उर्फ छोटे तथा उनके चचेरे दो भाई नवल तिवारी व कमल तिवारी व मंजुल की मां मिथलेश ने उसके भाई रामदास की गोली मारकर हत्या कर दी तथा भाई अनुज को गोली मारकर घायल कर दिया।

इस तहरीर पर थाना दिबियापुर में सातों के विरुद्ध हत्या व प्राण घातक हमले का मुकद‌मा दर्ज हुआ। पुलिस ने सभी के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया।

यह मामला अपर सत्र न्यायालय (प्रथम) में चला तथा शुक्रवार इसका निर्णय सुनाया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी कार रहे चन्द्र भूषण तिवारी (एडीजीसी), ह्रदय नारायण पाण्डेय एवं अंकुर अवस्थी आदि ने इस मामले में बहस की। वहीं बचाव पक्ष वकील ने आरोपियों का बचाव किया। दोनो पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश विकास गोस्वामी ने आरोपी मिथलेश को दोषमुक्त कर दिया लेकिन मंजुल उर्फ अनुराग, पिंटू उर्फ प्रद्युम्न, अतुल तिवारी, कपिल तिवारी, नवल तिवारी, कमल तिवारी निवासी चपौली को हत्या व जानलेवा हमले का दोषी माना और सभी को आजीवन कारावास और 78-78 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

वार्ता

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