हिजाब पर एक राय नहीं हुए सुप्रीम कोर्ट के जज अब बड़ी बैंच करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट कल 23 याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा, जिनमें ऐशत शिफा और अन्य शामिल हैं।
दिल्ली। कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब का मुद्दा तूल पकड़ गया था। कर्नाटक हाई कोर्ट के हिजाब पर बैन के फैसले के बाद आज सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने अपनी अलग-अलग राय रखी। जहां जस्टिस हेमंत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा तो वही जस्टिस सुधांशु ने कर्नाटक हाई कोर्ट के हिजाब बैन के फैसले को रद्द कर दिया। दोनों जजों में इत्तेफाक नहीं होने के कारण अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायाधीश के पास भेज दिया गया है। अब तीन जजों की बेंच इस पर अपनी सुनवाई करेगी। कोर्ट के फैसले के दौरान कोर्ट रूम लोगों से खचाखच भरा हुआ था।
गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में कर्नाटक के एक कॉलेज में छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज में आने से मना करने के बाद विवाद शुरू हुआ था। उसके बाद कुछ हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी हिजाब पहनकर आने वाली लड़कियों का विरोध किया था। कर्नाटक में इस मुद्दे ने तूल पकड़ा तो यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में चला गया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब के मुद्दे पर कॉलेज में हिजाब पहनकर आने पर रोक लगा दी थी और फैसला दिया था कि स्कूल ड्रेस में ही छात्र - छात्राओं को आना चाहिए। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था। 10 दिन तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था । इस मामले में लगभग दो दर्जन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी।
आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब प्रकरण पर फैसला देते हुए कहा कि हमारी दो अलग-अलग राय है। न्यायधीश हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जो याचिका दायर हुई थी, उसे खारिज कर दी है, उन्होंने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के हिजाब पर बैन के फैसले के पक्ष में हूं, यानी कॉलेज में हिजाब पहनकर आने पर पाबंदी रहनी चाहिए।
इसके साथ ही जस्टिस सुधांशु ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि बड़ी कठिनाइयों का सामना करते हुए मुस्लिम लड़कियां स्कूल तक जाती हैं। अगर हिजाब की वजह से उन्होंने कॉलेज में जाना बंद कर दिया तो फिर उन्हें मदरसों की तरफ रुख करना पड़ेगा, इसलिए मैं कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करता हूं।
सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने अपनी अपनी अलग राय के कारण लिखा है कि हम यह मामला सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास भेज रहे हैं। इस फैसले के बाद अब यह मामला तीन जजों की बड़ी बैंच के पास जाएगा।