AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने 8 दिन तक लगातार सुनवाई करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर दिए गए अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह जल्दी ही अपने फैसले को सुनाएगी।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर लगातार 8 दिन तक सुनवाई करने वाली सात जजों की बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जी पारदीवाला, जस्टिस दीपंकर दत्ता, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र मिश्रा शामिल रहे।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे का यह मामला वर्ष 2005 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से इनकार कर देने की वजह से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से दिए गए इस फैसले के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
जिस पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजो की बेंच ने लगातार 8 दिनों तक की है। आज बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी होने के बाद पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।