ईडी पूछताछ मामले में अभिषेक बनर्जी दंपति की याचिका SC में खारिज
160 के समतुल्य नहीं है और इस मामले में पीएमएलए के प्रावधान लागू होंगे।
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल नौकरी घोटाले को लेकर नई दिल्ली में पूछताछ के लिए भेजे गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को चुनौती देने वाली तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा की याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ता बनर्जी दंपति की अपील खारिज खारिज करते हुए उन्हें आवश्यकता अनुसार ईडी के समक्ष पेश होने को कहा। ईडी ने याचिकाकर्ताओं को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपने समक्ष पेश होने के लिए कहा था, जिसे चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना था उनका मूल निवास स्थान कोलकाता है। इसी आधार पर उन्होंने ईडी के समन को चुनौती दी थी। पीठ ने 13 अगस्त को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अभिषेक बनर्जी का पक्ष रखते हुए कहा था कि चूंकि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 में इस संबंध में कोई विशेष प्रक्रिया नहीं दी गई है, इसलिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के प्रावधानों को समन के संबंध में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें केवल कोलकाता (जहां कथित तौर पर अपराध हुआ है) में पेश होने के लिए कहा जा सकता है न कि नई दिल्ली में।
ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने तर्क दिया कि पीएमएलए की धारा 50 सीआरपीसी की धारा 160 के समतुल्य नहीं है और इस मामले में पीएमएलए के प्रावधान लागू होंगे।