खाकी धारण कर आशुतोष हैं SHO- न लूट, न डकैती- 10 मिनट में कत्ल का खुलासा

आशुतोष कुमार सिंह की कार्यशैली पर पेश है खोजी न्यूज की खास रिपोर्ट....;

Update: 2025-04-28 04:05 GMT

मुजफ्फरनगर। जिले का थाना सिविल लाईन महत्वपूर्ण थाना है, जिस पर भी जिम्मेदारियों का बोझ कम नहीं है। जिम्मेदारियों वाला थाना यूं ही नहीं कहा जा रहा है, इस थाना क्षेत्र में कचहरी, न्यायिक और पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के आवास और ऑफिस भी हैं। कचहरी में आये दिन धरने प्रदर्शन, फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी के बीच के विवाद, कोर्ट में हैट स्पीच सहित कई मामलों में नेताओं की पेशी के दौरान सुरक्षा और थाना क्षेत्र में क्राईम कंट्रोल किये हुए रखना ही बड़ा दायित्व है। इस थाने की वर्तमान में कमान इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सिंह के हाथों में हैं। पांच चौकी वाले थाना सिविल लाईन के प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह को चार्ज संभाले हुए सात माह से अधिक हो चुके हैं। उनके इस कार्यकाल में लूट, डकैती की कोई घटना कारित नहीं हुई। दो मर्डर हुए, जिनमें एक मर्डर का सीसीटीवी के माध्यम से 10 मिनट में खुलासा तो दूसरे कत्ल का भी अल्प समय में ही पर्दाफाश कर दिया गया। पूर्व विधायक शाहनवाज राना के अलावा 5 अपराधियों के विरूद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। एक चैन स्नैचिंग की घटना कारित हुई है। वाहन चोरियों का खुलासा कर 50 प्रतिशत चोरी के वाहन बरामद किये और अपराध पर अंकुश रखने के लिये थाना क्षेत्र में 25 नये सीसीटीवी कैमरे लगवाये और पुराने सही कराये। वर्ष 2016 में सर्विलांस प्रभारी जीआरपी मुरादाबाद रहते हुए उनकी कार्यशैली को देखते हुए आशुतोष कुमार सिंह को डीजी कमांडेशन सिल्वर मेडल मिल चुका है। थाना सिविल लाईन प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह की कार्यशैली पर पेश है खोजी न्यूज की खास रिपोर्ट....

दरअसल 2 अक्टूबर 1976 की तारीख थी और इस तारीख को खाकी वर्दी धारण किये हुए प्रेमचन्द के परिवार में तीसरे बेटे ने जन्म लिया। नाम रखा गया आशुतोष। आशुतोष कुमार की शुरूआती शिक्षा से लेकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी में बी.कॉम में एडमिशन लिया। आशुतोष कुमार सिंह की पढ़ाई के दौरान ही शक्ति गौतम नाम की लड़की से मुलाकात हुई और पढ़ाई के साथ-साथ लव स्टोरी भी आरंभ हो गई थी। बी.कॉम की डिग्री हासिल करने वाले आशुतोष कुमार सिंह का बचपन से ही खाकी वर्दी की तरफ झुकाव था। खाकी वर्दी की तरफ झुकाव की वजह थी कि उनके पापा और चाचा भी पुलिस में थे और उन्हें देखकर वह भी खाकी वर्दी पहनकर पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात का सपना संजोय हुए थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस की दरोगा की भर्ती आई तो आशुतोष कुमार सिंह परीक्षा पास कर साल 2001 बैच के दरोगा बन गये। दरोगा बनने के बाद सात साल की लव स्टोरी पूरी होने के बाद आशुतोष कुमार सिंह ने शक्ति गौतम से वर्ष 2003 में शादी कर ली थी, जिनके अब एक बेटा और एक बेटी है। आशुतोष कुमार सिंह की माता शकुन्तला हाऊसवाइफ हैं। आशुतोष कुमार सिंह से बड़े दो भाई है, जिनमें एक दिल्ली कैनरा बैंक में एलडीएम हैं तो दूसरा भाई अक्षय कुमार उत्तर प्रदेश पुलिस में ही अयोध्या में इंस्पेक्टर हैं। आशुतोष कुमार सिंह के पिता प्रेमचन्द कुमार यूपी पुलिस के सीओ से रिटायर्ड हो चुके हैं। आशुतोष कुमार सिंह का वर्ष 2018 में प्रमोशन मिला और वह दरोगा से इंस्पेक्टर बन गये।

यूपी पुलिस में भर्ती होने के बाद आशुतोष कुमार सिंह की मेरठ सहित कई जिलों में पोस्टिंग रही लेकिन फिलहाल आशुतोष मुजफ्फरनगर जिले में तैनात हैं। आशुतोष कुमार सिंह थाना मंसूरपुर के थाना प्रभारी रह चुके हैं और अब वह मुजफ्फरनगर शहर में पुलिस लाइन के पास थाना सिविल लाईन के प्रभारी निरीक्षक हैं। थाना सिविल लाईन पर इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सिंह सहित दो इंस्पेक्टर, पांच चौकी प्रभारियों सहित 22 उपनिरीक्षक और 28 मुख्य आरक्षी और 57 कांस्टेबल तैनात हैं। थाना सिविल लाईन की पूरी पुलिस टीम क्राईम कंट्रोल को लेकर अलर्ट मोड में रहती है।

इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सिंह को थाना सिविल लाईन के प्रभारी निरीक्षक के तौर पर कमान संभाले हुए सात माह से ज्यादा हो गये हैं। आशुतोष कुुमार सिंह के सात माह के कार्यशैली का नतीजा है कि उनके क्षेत्र में कोई डकैती व लूट की घटना कारित नहीं हुई। उनके कार्यकाल में थाना सिविल लाईन क्षेत्र में दो मर्डर और छिनैती की एक घटना हुई हैं, जिनको अल्प समय में थाना प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह ने अपनी पुलिस टीम के साथ मिलकर अल्प समय में ही खुलासा कर दिया। यदि बात की जाये वाहन चोरी की आशुतोष कुमार सिंह के कार्यकाल में चोरी के 50 प्रतिशत वाहन बरामद कराकर आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है। इनके अलावा थाना सिविल लाईन पुलिस द्वारा पूर्व विधायक शाहनवाज राना सहित 6 अपराधियों के विरूद्ध गैगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई।

अपराध का ग्राफ निरंतर नीचे की तरफ की गिराने के लिये थाना प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह का सीसीटीवी कैमरों को लगवाने और पुराने सीसीटीवी कैमरे, जो खराब हो चुके थे, उन्हें ठीक कराने पर फोकस रहा। थाना प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह द्वारा थाना क्षेत्र के कुछ स्थाना चिन्हित कर 25 नये कैमरे लगवाये और खराब हो चुके पुराने कैमरों ठीक कराये। आशुतोष कुमार सिंह ने पुलिस टीम के साथ मिलकर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कई घटनाओं का पर्दाफाश करने का काम किया। थाना सिविल लाईन क्षेत्र में जीआईसी के पार्क में काफी संख्या में लोग धूमने के लिये आते हैं। उनकी सुरक्षा को देखते हुए वहां पर लगे खराब हो चुके पुराने को कैमरे को सही कराया और एक और नये कैमरा लगवाये, जिससे भविष्य में कोई घटना कारित न हो, यदि होगी तो वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जायेगी।

थाना सिविल लाईन एक ऐसा थाना है, जहां पर कचहरी, अफसरों के आवास और ऑफिस भी हैं। कचहरी में आये दिन अपनी मांगों को लेकर संगठन या लोग धरना प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में थाना सिविल लाईन के प्रभारी निरीक्षक एक दिन पहले ही धरना प्रदर्शन के आयोजक से वार्तालाप करते हैं और उन्हें यह समझाते हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। यदि आयोजक सहमत नहीं होते थे तो थाना प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह एलआईयू टीम के साथ समन्वय बनाते हुए अपने पुलिस बल और पुलिस लाइन से पुलिस बल मंगाकर वहां पर तैनात हो जाते हैं।

थाना सिविल लाईन क्षेत्र में परिवार न्यायालय में अपनी बात रखने आये पति और पत्नी के बीच किसी ने किसी बात को लेकर विवाद होता रहता है। थाना प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार खोजी न्यूज से रूबरू होते हुए कहते हैं कि थाना सिविल लाईन पुलिस सुरक्षा में वहां भी तत्पर रहती हैं। पति-पत्नी के विवाद की अधिक शिकायते मिलती हैं, जिनमें अधिकतर झूठी होती हैं क्योंकि वह एक-दूसरे पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास करते हैं लेकिन थाना सिविल लाईन पुलिस सीसीटीवी कैमरों को खंगालने और जांच करने के बाद ही कानूनी कार्रवाई अमल में लाती हैं। इनके अतिरिक्त कोर्ट में किसी ने किसी लीडर की हेट स्पीच या किसी मामले में कोर्ट में सुनवाई की तारीख रहती है उनकी सुरक्षा का इंतजाम भी किया जाता है।

थाना सिविल लाईन प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह खोजी न्यूज से रूबरू होते हुए कहते हैं कि थाने पर आने वाली हर शिकायत को ध्यान से सुना जाता है और दो पक्षों को सुनने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाती है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद पीड़ितों को न्याय दिलाना है। उन्होंने बदमाशों को कड़ा मैसेज देते हुए कहा कि जैसा अपराध करोगे, वैसी ही सजा पाओगे। वह कहते हैं कि अपराध करने के बाद मुकदमा दर्ज कराया जाता है और फिर प्रभावी पैरवी करके अपराधी को सजा दिलाई जाती है।Full View

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