निवेश पर योगी का पहला चरण सफल

Update: 2022-12-15 14:06 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रोगजार और राजस्व पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विदेशों से निवेश लाने का प्रयास किया है। इसके तहत डिप्टी सीएम बृजेश पाठक व कई मंत्री उन देशों में भेजे गये जहां की अर्थव्यवस्था विकासशील है। यूपी के मंत्रियों ने प्रदेश के बेहतर माहौल का वहां के उद्यमियों को भरोसा दिलाया है। ब्राजील में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद के नेतृत्व में गये प्रतिनिधि मंडल ने ब्राजीलियन डिफेन्स इंडस्ट्री के साथ बैठक की। ब्राजीलियन टूरिज्म इंडस्ट्री के साथ भी यूपी के प्रतिनिधि मंडल की सकारात्मक बात हुई है। इसी प्रकार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में मध्यम एवं लघु उद्योग मंत्री राकेश सचान के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने हेल्थकेयर और मेडिकल सुविधाओं के बारे मंे जब बात की तो वहां के उद्यमी निवेश के लिए उत्सुक नजर आए। आस्ट्रेलियाई उद्यमियों को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव ने उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित किया है। इन सभी देशों के उद्यमी विभिन्न क्षेत्रों में यूपी में निवेश के लिए तैयार हैं। पता चला है कि तीन दिन के अंदर ही विदेशी कंपनियों ने 20 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश के लिए मेमोरंडम आफ अंडर स्टैण्डिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। इस प्रकार निवेश पर योगी आदित्यनाथ की सरकार का पहला चरण सम्पन्न हो गया है। ये उद्यमी जब यूपी में निवेश करेंगे तो दूसरा और अंतिम चरण भी सम्पन्न हो जाएगा।

योगी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दस लाख करोड़ के निवेश की तैयारियों में जुटी हुई है। योगी सरकार के मंत्री और अधिकारी विदेश दौरे पर हैं। पिछले 3 दिनों के भीतर विदेशी कंपनियों ने 20000 करोड़ से ज्यादा के निवेश के लिए एमओयू साइन किए हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोरिया और ब्राजील के निवेशकों ने यूपी में निवेश का भरोसा दिया है। वहीं हजारों करोड़ के एमओयू भी साइन किए हैं। यूएई दौरे पर मंत्री राकेश सचान और पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण समेत कई अफसरों ने अबूधाबी और कई जगहों पर विदेशी निवेशकों से बैठकें की। इसका नतीजा यह रहा कि लुलु ग्रुप ने 5000 करोड़ से ज्यादा के निवेश पर सहमति दी है वहीं अलाना ग्रुप ने 1000 करोड़ के निवेश की सहमति दी। इस टीम ने दस हजार करोड़ रुपए के निवेश पर निवेशकों से बातचीत की है।

उधर, बेल्जियम में औद्योगिक विकास मंत्री और पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने एग्रिस्टो बेल्जियम के साथ निवेश पर चर्चा की। इस दौरान कंपनी की बिजनेस हेड स्टेफनी ड्यूमोर्टियर ने उत्तर प्रदेश सरकार के बिजनौर में फूड सेक्टर पर 200 करोड़ रुपए निवेश किए हैं और उनके 2023 में 300 करोड़ रुपए और खर्च करने की योजना है। इसके साथ 2025 में भी कंपनी 200 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस अवसर पर स्टेफनी ड्यूमोर्टियर ने प्रदेश सरकार के सहयोग की तारीफ की और यूपी में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर भरोसा जताया। प्रतिनिधिमंडल ने फ्लिक्सिस ग्रुप के डायरेक्टर बेन से भी मुलाकात की और प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में निवेश इंटेंट को लेकर बातचीत की। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी पहुंचा। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिवर्सिटी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी को लेकर भी चर्चा हुई। साथ ही बैठक के बीच वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट और स्किल डेवलपमेंट व डिजास्टर मैनेजमेंट में आम भागीदारी के लिए तीन महत्वपूर्ण एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए। इससे पहले सिडनी में रोड शो के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों को उत्तर प्रदेश सरकार के फोकस फैक्टर पर प्रकाश डाला गया। प्रतिनिधिमंडल ने अर्बन टास्क फोर्स ऑस्ट्रेलिया (यूटीए) के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और सीईओ टॉम फॉरेस्ट को ओडीओपी के उत्पाद भेंट स्वरूप प्रदान किए गए। इस अवसर पर राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस भी हुई, जिसमें स्वतंत्रदेव सिंह ने यूटीए को इंफ्रास्ट्रक्चर, अर्बन डेवलपमेंट और डिफेंस जैसे सेक्टर में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

एमएसएमई मिनिस्टर राकेश सचान की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल यूएई के अबुधाबी पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने वीपीएच हेल्थकेयर के डॉ. शमशीर से मुलाकात की और मेडिकल और फैसिलिटेशन के क्षेत्र में निवेश का आमंत्रण दिया। बातचीत के दौरान वीपीएच हेल्थकेयर भी उत्तर प्रदेश में निवेश को उत्सुक नजर आया। दूसरी तरफ, ब्राजील में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मत्स्यपालन मंत्री संजय निषाद की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजीलियन डिफेंस इंडस्ट्री के साथ बैठक की और उत्तर प्रदेश में बन रहे डिफेंस कॉरीडोर में निवेश का प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर ब्राजील डिफेंस इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने यूपी में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में निवेश व इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने के प्रति उत्साह दिखाया। ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर बताया कि यूपी में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना के लिए ब्राजील के रक्षा विशेषज्ञ जनरल ब्रीटो, वरिष्ठ अधिकारियों एवं उद्योगपतियों के साथ विभिन्न विषयों पर प्रभावी एवं सार्थक चर्चा हुई है। यह प्रतिनिधिमंडल ब्राजीलियन टूरिज्म इंडस्ट्री के 20 प्रतिनिधियों से भी मिला और प्रदेश में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के अवसरों को लेकर बातचीत की। यहां पशुपालन सेक्टर के लीडर्स से भी मुलाकात हुई, जिनमे यूएनईएसपी यूनिवर्सिटी के फर्नान्डो गारसिया और ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ डेयरी के गुस्तावो शिब शामिल रहे। इनके साथ प्रदेश में पशुओं की जेनेटिक ब्रीड को सुधारने और तकनीक हस्तांतरण पर बात हुई।

नई औद्योगिक विकास एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति- 2022 के तहत यूपी में अब उद्योगों के लिए एससी एसटी की जमीन को भी बेचा जा सकेगा। इसके साथ ही निवेश यानी उद्योगों को आकर्षित करने के लिए ग्राम समाज की बंजर आदि जमीनों को भी सर्किल रेट के 1 फीसदी के हिसाब से 50 साल के लिए पट्टे पर दिया जाएगा। इस समय को बाद में बढ़ाया भी जा सकेगा। इसके लिए राजस्व संहिता में संशोधन करने की तैयारी है। यह पूरी कवायद यूपी में होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर और उसके आयोजन से पहले की गयी है। कुल मिलाकर प्रदेश में उद्योगों को सस्ती भूमि आवंटन के लिए एक बड़ा लैंड बैंक बनाया जाएगा। इस भूमि के आवंटन में 100 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाली इकाइयों को विशेष रूप से प्राथमिकता दी जाएगी। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डालर बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही योगी आदित्यनाथ सरकार तमाम नीतियों में परिवर्तन कर रही है। (हिफी)

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