कसौटी पर खरी उतरी योगी सरकार,गन्ना किसानों को 1 लाख करोड़ का भुगतान

गन्ना मंत्री सुरेश राणा भी अपने विभाग की मुख्यमंत्री के निर्देशन में कायाकल्प करने में जुट गए ।

Update: 2020-06-19 12:14 GMT

लखनऊ गन्ना- उत्तर प्रदेश की राजनीति को हमेशा प्रभावित करता रहा है। गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान करने का वादा करने पर कई बार उत्तर प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकार भी बनी है, मगर गन्ना भुगतान एवं पेराई की दिक्कत कभी खत्म नहीं हुई। 2017 में भी भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गन्ने की समस्याओं को प्राथमिकता पर रखा था। 2017 में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला तो योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के थानाभवन विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक गन्ना किसानों की समस्याओं से अवगत फायर ब्रांड नेता सुरेश राणा को गन्ना विभाग की जिम्मेदारी दी गई।




 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घोषणापत्र के हर वादे पर खरा उतरने की कोशिश में जुटे तो गन्ना मंत्री सुरेश राणा भी अपने विभाग की मुख्यमंत्री के निर्देशन में कायाकल्प करने में जुट गए । 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रबंधन में महारत रखने वाले 1989 बैच के आईएएस अफसर संजय आर. भूसरेड्डी को गन्ना विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशन में गन्ना मंत्री सुरेश राणा एवं प्रमुख सचिव संजय आर . भुसरेड्डी ने 2017-18 में पिछली सरकारों का बकाया गन्ना भुगतान कराना शुरू कर दिया । 2018-19 का पेराई सत्र शुरू हुआ तो गन्ना विभाग ने गन्ना भुगतान एवं पेराई व्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ-साथ बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाना शुरु कर दिया था। पिछली सरकारों में जो चीनी मिलें बंद और बिक रही थी उनको 2019-20 के पेराई सत्र तक चलाने के साथ-साथ उनकी क्षमता भी बढ़ाई गई। 2019-20 के पेराई सत्र तक 3 साल 3 महीने के कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में गन्ना मंत्री सुरेश राणा एवं प्रमुख सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की ही रणनीति थी कि अब गन्ना विभाग ने रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को कर दिया है जबकि गन्ना विभाग के मुताबिक 2012 से 2017 के अखिलेश सरकार के 5 साल के कार्यकाल में लगभग 95000 करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया था जो पिछली सरकार के 5 साल के कार्यकाल की तुलना में योगी सरकार के 3 साल के ही कार्यकाल में 4785 हजार करोड़ के अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान है । गन्ना विभाग के मुताबिक योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के भुगतान के अलावा पिछली सरकार के 4466 हजार करोड़ के गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान भी अपनी सरकार के कार्यकाल में किया है। गन्ना विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धि कोरोना संक्रमण के दौरान दिखाई दी जब पूरा देश लॉकडाउन कर दिया गया था। औद्योगिक गतिविधियां पूरी तरह से सील हो गई थी तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गन्ना मंत्री सुरेश राणा और प्रमुख सचिव एवं गन्ना आयुक्त संजय आर.भूसरेड्डी की ही कार्यशैली थी कि गन्ना विभाग ने अपने खेत पर खड़े गन्ने को लेकर चिंतित किसानों के माथे पर से कोरोना के कार्यकाल में भी शुगर मिलें निर्बाध रुप से चला कर किसानों के गन्ने की पेराई कराने के साथ-साथ उनका गन्ना मूल्य का भुगतान भी करा कर रिकॉर्ड कायम किया है ।




 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज 5-कालीदास, मार्ग स्थित मुख्य मंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि 2017-2020 के मध्य गन्ना किसानों के हित में किये गये अथक प्रयासों के फलस्वरूप रू.1,00,000 करोड़ से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान सम्भव हो सका, यह भुगतान इससे पूर्व के 03 वर्षो के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान रू.53,367 करोड़ से भी रू. 46,633 करोड अधिक है।




 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि 2017-2020 के मध्य गन्ना किसानों को किया गया यह गन्ना मूल्य भुगतान 2012-2017 के शासन काल के कुल गन्ना मूल्य भुगतान रू.95,215 करोड़ से भी रू.4785 करोड़ अधिक है। यह भी उल्लेखनीय है कि 2012-2017 के मध्य का भी रू.4,466 करोड़ का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान भी 2017-2020 के मध्य ही कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश सरकार चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग कोरोना महामारी की इस देशव्यापी विभीषिका के दौरान भी गन्ना किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है तथा इसी प्रतिबद्धता को निभाने की कड़ी में लाॅकडाउन की अवधि के दौरान जब प्रदेश एवं देश के अधिकतर उद्योग बन्द रहे तब केवल उत्तर प्रदेश की चीनी मिले अनवरत संचालित रही , जिससे कृषकोे के गन्ने की आपूर्ति निर्बाध रूप से चीनी मिलों को हो सकी। कोरोना महामारी की विभीषिका के दौरान लाॅकडाउन की अवधि मे चीनी की बिक्री नगण्य होते हुए भी रू.5,953 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान गन्ना किसानों को किया गया। वर्तमान पेराई सत्र 2019-20 में प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा रिकाॅर्ड 1,116 लाख टन गन्ना पेराई एवं रिकाॅर्ड 126.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। उक्त पेराई एवं चीनी उत्पादन प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है। कार्यक्रम के दौरान गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने अपने सम्बोधन में बताया कि गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के आर्थिक हितों के संवर्धन तथा सर्वागींण विकास के लिये कृतसंकल्प है।


प्रमुख सचिव एंव गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के गन्ना किसानों से गन्ना मूल्य भुगतान आदि के सम्बन्ध मे फीडबैक वार्ता भी की गयी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जिला मुजफ्फरनगर के गन्ना किसान अरविन्द मलिक, मेरठ के विनोद सैनी, सम्भल के सुधीर त्यागी, पीलीभीत के हरिओम गंगवार, लखीमपुर खीरी के पलविन्दर सिहं, अकबरपुर के अवनेन्द्र वर्मा, गोण्डा के अनिल चन्द पाण्डये, गोरखपुर के रामसूरत मौर्या तथा कुशीनगर के देवेन्द्र राय आदि से वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया गया। वार्ता के दौरान गन्ना कृषकों द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा लाॅकडाउन की अवधि मे भी गन्ना कृषकों के व्यापक हित मे सभी चीनी मिलों को संचालित रखनें हेतु एंव उक्त अवधि मे गन्ना मूल्य भुगतान की निरन्तरता बनाये रखने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया गया। मुख्य मंत्री आवास पर आयोजित इस संक्षिप्त कार्यक्रम मे मंत्री चीनी उद्योग एंव गन्ना विकास, सुरेश राणा, राज्य मंत्री, चीनी उद्योग एंव गन्ना विकास सुरेश पासी तथा मुख्य सचिव, आर.के. तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एंव सूचना विभाग अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, एवं के साथ अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 के संबंध में स्वास्थ्य विभाग तथा प्रदेश सरकार द्वारा सोशल एवं फीजिकल डिस्टेन्सिंग के संबंध में निर्गत दिशा-निर्देशों का अनुपालन भी किया गया।

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