योग गुरु रामदेव के कलियर जाने पर संतो में उबाल-कह डाली यह बड़ी बात
प्रसिद्ध दरगाह पिरान कलियर पहुंचकर वहां मजार पर फूल और चादर चढ़ाने के मामले पर संत समाज में उबाल आ गया है
हरिद्वार। विख्यात हो चुके योगगुरु बाबा रामदेव के प्रसिद्ध दरगाह पिरान कलियर पहुंचकर वहां मजार पर फूल और चादर चढ़ाने के मामले पर संत समाज में उबाल आ गया है। निरंतर तूल पकड़ते जा रहे इस मामले से आक्रोशित साधु एवं संतों की ओर से बाबा रामदेव को आर्य समाज से बाहर करने की बात तक कह डाली गई है। साधु एवं संतों का कहना है कि रामदेव का दरगाह पर जाना हिंदू धर्म की आस्था के साथ पूरी तरह से खिलवाड़ है।
दरअसल योगगुरु बाबा रामदेव बीते दिनों दिल्ली से आते वक्त रूडकी स्थित विख्यात दरगाह पिरान कलियर पहुंचे थे। उन्होंने कलियर शरीफ की मजार पर फूल और चादर चढ़ाई। योग गुरू के मजार पर चादर और फूल चढाने से अब विवाद उत्पन्न हो गया है। हरिद्वार के साधु-संतों ने बाबा रामदेव के खिलाफ नाराजगी जतायी है।
इस मामले में शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि वे मानते थे कि बाबा रामदेव दयानंद सरस्वती को मनाने वाले आर्य समाज के समर्थक हैं। बाबा रामदेव ने पिरान कलियर पर जाकर घृणित कार्य किया है। इसके लिए उन्हें संत समाज से माफी मांगनी चाहिए। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि वो भी मानते रहे हैं कि बाबा रामदेव आर्य समाज के मानने वाले सनातनी संत हैं। बाबा रामदेव ने एक मजार पर जाकर न केवल सनातन धर्म के साथ विश्वासघात किया है, बल्कि अपने आर्य समाज के प्रवर्तक दयानंद सरस्वती के आदर्शों के साथ भी खिलवाड़ की है।
स्वामी आनंद सरस्वती ने कहा कि वैसे तो आर्य समाज मूर्ति पूजा को नहीं मानता है, तो वहीं दूसरी तरफ नकली आर्य समाजी बाबा रामदेव एक मजार पर जाकर चादर चढ़ाते हैं। इस पर आर्य समाज को तुरंत कार्रवाई करते हुए बाबा रामदेव को आर्य समाज से बहिष्कृत करना चाहिए।