कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा में हंगामा
इस पर भाजपा के मनोनीत सदस्य अशोक बाबू ने उनसे पूछा कि कृषि कानून का कौन सा प्रावधान किसानों के खिलाफ है।
नई दिल्ली। पुड्डुचेरी विधानसभा में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर उस समय जमकर हंगामा हुआ जब तीनों कानूनों को वापस लेने के द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), कांग्रेस तथा तीन निर्दलीय विधायकों के प्रस्ताव पर सत्तारूढ़ पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया और इसके बाद उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया।
सदन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्य एम.एल. कल्याणसुंदरम जब अनुदान मांगों पर बोल रहे थे, तो विपक्ष के नेता आर. शिवा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कई राज्य सरकारों ने विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर प्रस्ताव पारित किया है।
विपक्ष के नेता आर. शिवा ने कहा कि एनआर कांग्रेस -भाजपा सरकार इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। इस पर भाजपा के मनोनीत सदस्य अशोक बाबू ने उनसे पूछा कि कृषि कानून का कौन सा प्रावधान किसानों के खिलाफ है।
नागरिक आपूर्ति मंत्री ए.के. साई जे श्रवणन कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को लेकर बहुत चिंतित है और ये कानून किसान के हित को सुनिश्चि करने के लिए लाए गए हैं। इससे कोई भी किसान प्रभावित नहीं होगा।
इसके बाद कृषि कानूनों के मुद्दे पर द्रमुक के सदस्य कांग्रेस नेता शिवा के समर्थन में आ गए तथा सदन में हंगामा शुरू हो गया। श्री नमाशिवायम ने कहा कि राजनीतिक वजहों से सिर्फ एक राज्य में तीन नए कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है।
उपाध्यक्ष पी. राजवेलू ने सभी सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर बैठने की अपील की और कहा है कि मुख्यमंत्री सदन में नहीं है, जब वह सदन में मौजूद रहेंगे, तो इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। इसके बाद सभी सदस्य अपनी सीटों पर बैठ गए।