पति के संग मिलकर प्रेमिका ने प्रेमी की ली जान- ऐसे खुली पोल
अजय निवासी दधेडू कला चरथावल मुज़फ्फरनगर को मेरठ बुलाकर महिला और उसके पति ने मौत के घाट उतार दिया।
मेरठ। प्रेम कहानी को लेकर विभिन्न प्रकार के मामले सामने आते रहते हैं। एक मामला ऐसा ही सामने आया है, महिला एक युवक से तीन से प्रेम करती थी, लेकिन बाद में कुछ ऐसा हुआ कि प्रेमिका ने अपने पति के साथ मिलकर प्रेमी को मौत के घाट उतारकर गड्ढा खोदकर दबा दिया। इसका खुलासा मुजफ्फरनगर पुलिस ने किया।
दरअसल अजय निवासी दधेडू कला चरथावल मुज़फ्फरनगर को मेरठ बुलाकर महिला और उसके पति ने मौत के घाट उतार दिया। इस घटना के मुज़फ्फरनगर पुलिस एक्शन मोड में नज़र आई और आरोपी महिला को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू की। महिला से पूछताछ करने पर पुलिस को ज्ञात हुआ कि मृतक का शव दौराला थाना क्षेत्र के अख्यितारपुर-सिमौली गांव मार्ग पर मौजूद सूखी पड़ी काली नदी में दबा हुआ है।
जानकारी के लिये आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र से दधेडू कला निवासी अजय 13 नवम्बर को लापता हो गया था। अजय के परिजनों ने उसे ढूंढ़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनको कामयाबी नहीं मिली। जब परिजनों को अजय का कोई सुराग नहीं मिला तो अजय के भाई विक्रांत ने 8 दिन बाद चरथावल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज़ कराई। शुक्रवार देर शाम विक्रांत ने पड़ोस में ही रहने वाले ब्रजपाल उर्फ़ बिज्जू और उसकी पत्नी पर अपने भाई की गुमशुदगी और हत्या का आरोप भी लगाया। जब पुलिस ने जाँच पड़ताल शुरू की तो अजय के मोबाइल की आखिरी लोकेशन दौराला में पाई गई।
चरथावल एएसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने रात में ही अपनी टीम मेरठ के लिए रवाना कर दी। महिला ने पूछताछ के दौरान पुलिस का बताया कि अजय के साथ उसके तीन साल के सम्बन्ध थे और वह अजय के साथ सम्बन्ध तोड़ना चाहती थी, जिसके बाद अजय उसको ब्लैकमेल करने लगा। जब महिला ने अपने पति के साथ ये बात साझा की तो दोनों ने अजय की हत्या की प्लानिंग की। प्लानिंग के तहत महिला ने अजय को अख्तियारपुर गांव में बुलाया, जहां दंपत्ति ने अजय की हत्या कर दी और उसके शव को अख्तियारपुर-सिमौली गांव मार्ग पर मौजूद काली नदी में गड्ढा खोदकर दबा दिया।
एएसपी कृष्ण कुमार ने कहा कि आरोपी महिला को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है। फरार आरोपी राजवीर की तलाश की जा रही है। एएसपी ने परिजनों को आश्वासन भी दिया कि आरोपी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।