कहीं पर न हो चूक- अधिकारी रख रहे ख्याल- विशेषज्ञों की भी ले रहे सलाह

कर्मचारियों का क्षमतावर्धन किया जा रहा है और विशेषज्ञों की मदद से भी उन्हें जरूरी सावधानी बरतने के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

Update: 2021-06-09 14:35 GMT

लखनऊ। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से प्रदेश के राजकीय आवासीय गृहों और संप्रेक्षण गृहों के बच्चों को पूरी तरह से महफूज बनाने को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने मोर्चा संभाल रखा है। वह खुद मौके पर जाकर वहां की छोटी-बड़ी हर व्यवस्था को परख रहे हैं और जहाँ पर भी कोई कमी नजर आ रही है, उसे जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दे रहे हैं। इसके अलावा कोविड वर्चुअल सपोर्ट ग्रुप के माध्यम से इन गृहों में कार्य कर रहे कर्मचारियों का क्षमतावर्धन किया जा रहा है और विशेषज्ञों की मदद से भी उन्हें जरूरी सावधानी बरतने के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

प्रदेश में महिला कल्याण विभाग द्वारा निराश्रित महिलाओं और बच्चों के लिए संचालित राजकीय आवासीय गृहों व संस्थाओं में संवासियों के पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवासन, पुनर्वासन आदि की व्यवस्था की गयी है। कोविड-19 को देखते हुए इन व्यवस्थाओं को और चाक-चौबंद बनाने को कहा गया है, इसी क्रम में विभाग के उच्च अधिकारी खुद मौके पर जाकर हर व्यवस्था का जायजा लेने में जुटे हैं ताकि कहीं किसी तरह की चूक न होने पाए। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव वी. हेकाली झिमोमी ने मंगलवार को बाराबंकी के राजकीय सम्प्रेक्षण गृह-किशोरी का जायजा लिया और व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के निर्देश दिए। इसके अलावा राजधानी के राजकीय बाल गृह बालक (शिशु) प्राग नारायण रोड का भी वह मौका मुआयना करेंगी। इसके अलावा विभाग के विशेष सचिव डॉ. अशोक चन्द्र कानपुर नगर के राजकीय बाल गृहों की व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। विशेष सचिव गरिमा यादव लखनऊ के राजकीय बाल गृह बालक और राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर का जायजा लेंगी। निदेशक महिला कल्याण विभाग मनोज कुमार राय लखनऊ के राजकीय बाल गृह बालिका मोतीनगर और राजकीय मानसिक मंदित बालिकाओं हेतु विशेषीकृत गृह, मोतीनगर की व्यवस्थाओं को परखेंगे। इसके अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी अन्य जिलों में संचालित राजकीय गृहों में जाकर वहां की व्यवस्थाओं को परखने और जरूरी निर्देश देने की व्यवस्था की गयी है।

निरीक्षण के दौरान व्यक्तिगत तौर पर बच्चों से बात करना व उनकी जरूरतों की पूर्ति का निर्देश देना, बच्चों की पारिवारिक पृष्ठभूमि की रिपोर्ट व व्यक्तिगत देखरेख योजना की समीक्षा करना, विशेष देखरेख व आवश्यकता वाले बच्चों की व्यक्तिगत देखरेख योजना की समीक्षा करना, महिला कल्याण विभाग के सभी कर्मचरियों तथा 18 साल से अधिक की महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा और यदि टीका नहीं लगा है तो शिविर लगाकर जल्दी से जल्दी टीकाकरण की व्यवस्था पर चर्चा, बच्चों को क्वारनटीन व आइसोलेट किये जाने की व्यवस्थाओं और स्थिति की समीक्षा, संस्थाओं में मूलभूत आवश्यकताओं की सप्लाई और पूर्ति की समीक्षा, बच्चों के मनोरंजन, व्यायाम, योग व वेंटिलेशन आदि की व्यवस्थाओं की समीक्षा, स्टाफ और बच्चों द्वारा मास्क, सामाजिक दूरी व हाथ धोने सहित अन्य कोविड प्रोटोकाल के अनुपालन की समीक्षा, आवासित बच्चों को अपने परिवार से बातचीत के लिए रोस्टर की स्थिति, संसाधनों, डिजिटल माध्यमों की उपलब्धता की समीक्षा, जैसे- वीडियो चेट या व्हाट्सएप आदि बच्चों के साथ समूह बैठक कर बात करना व गृहों के संचालन के लिए सुझाव प्राप्त करना, गृहों के सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की समीक्षा करना तथा कोविड प्रभावित बच्चों व स्टाफ की चिकित्सा और देखरेख की समीक्षा की जा रही है।

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