बस्ती। नहर खुदाई के दौरान अपनी पैतृक जमीन को बचाने के प्रयास में बुलडोजर के सामने लेटने वाले अपर जिला न्यायाधीश को हाईकोर्ट द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है।
बस्ती जनपद के छपिया शुक्ल गांव में चल रहे नहर खुदाई के काम के दौरान पिछले महीने अपनी पैतृक जमीन को बचाने के प्रयास में अपर जिला न्यायाधीश मनोज शुक्ला बुलडोजर के सामने लेट गए थे। उस समय बुलडोजर के माध्यम से जमीन पर अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण को हटाया जा रहा था। एडीजे मनोज शुक्ला पूरी रात जिला प्रशासन की टीम के सामने बिना कुछ खाए पिए जमीन पर लेटे रहे थे। उनका कहना था कि मैं एक न्यायिक अधिकारी हूं और यह मेरी पुश्तैनी जमीन है। गांव में सभी लोगों द्वारा हमारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यह काम गलत है। शासन और प्रशासन की ओर से किया जा रहा जमीन का अधिग्रहण नियमों के विपरीत है और डीएम की ओर से जो आदेश दिए गए हैं वह भ्रष्टाचार युक्त हैं।
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर खूब हो हल्ला हुआ था। घटना के दौरान बनाया गया वीडियो भी स्थानीय व अन्य लोगों द्वारा खूब शेयर किया गया था। जिलाधिकारी ने शासन को इस बाबत अपनी रिपोर्ट भेजी थी। जिसे सरकार की ओर से हाईकोर्ट को भेज दिया गया था। हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने बुलडोजर के सामने लेटने वाले एडीजे को सस्पेंड करने का निर्णय लिया है। इस आशय का आदेश पहले ही सुल्तानपुर जिला कोर्ट को भेजा जा चुका है। फिलहाल डीजे को सोनभद्र जिले में संबद्ध किया गया है।