चुनाव आयोग ने प्रसपा के हाथ से छीन ली चाबी, शिवपाल अब कैसे लडेंगे चुनाव

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया अर्थात प्रसपा के हाथ से चाबी छीनकर चुनाव आयोग की ओर से जननायक जनता पार्टी को दे दी गई है

Update: 2021-12-25 07:32 GMT

लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया अर्थात प्रसपा के हाथ से चाबी छीनकर चुनाव आयोग की ओर से जननायक जनता पार्टी को दे दी गई है। जिसके चलते अब शिवपाल सिंह यादव के सामने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर ही इलेक्शन लड़ने का विकल्प रह गया है। बताया जा रहा है कि प्रसपा से टिकट चाहने वाले लोग भी ज्यादातर साइकिल चुनाव चिन्ह पर ही इलेक्शन लड़ना चाहते हैं।

दरअसल वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में आधिपत्य को लेकर संघर्ष शुरू हुआ था। अंत में अखिलेश यादव के हाथ में पार्टी का पूरा अधिकार आ गया था। अचानक हुए इस घटनाक्रम से आहत होकर शिवपाल सिंह यादव ने वर्ष 2018 में अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बना ली थी। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की ओर से शिवपाल सिंह यादव की पार्टी को चाबी चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था। चुनाव चिन्ह मिलने के बाद चाबी के निशान पर मैदान में उतरी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया को कुल 0.31 फीसदी वोट ही हाथ लग सके थे। उधर लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा का चुनाव हुआ, जिसमें जननायक जनता पार्टी को चाबी चुनाव चिन्ह आवंटित हो गया। जननायक जनता पार्टी हरियाणा की राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में आयोग में पंजीकृत है। आयोग अब प्रसपा को विधानसभा चुनाव के लिए चाबी चुनाव चिन्ह नहीं दे रहा है। रजिस्ट्रीकृत मान्यता प्राप्त दल में शामिल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को 197 मुख्य चुनाव चिन्हों में से कोई नया आवंटित होगा। ऐसे हालातों में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का अस्तित्व बचाए रखने की बड़ी चुनौती शिवपाल सिंह के सामने खड़ी हो गई है।



 


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