सूबे को खुद देखेंगे सूबेदार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब राज्य के जिलों का औचक निरीक्षण किया करेंगे।

Update: 2020-12-16 00:30 GMT

लखनऊ। गांव-देहात में एक कहावत है कि 'जो पूछेसि हलवाहा कहां, खेत डूबिगो वा को वहां' अर्थात जिस किसान को यह नहीं पता कि किस खेत में हल चल रहा है उसकी खेती डूब जाती है। इसीलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद ही सूबे के औचक निरीक्षण का फैसला किया है। इससे जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी अपने दायित्व को निभाने में कोई भी कोताही नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में एक बहुआयामी योजना फिल्म सिटी भी शुरू की है। इस पर भी तेजी से काम हो रहा है। उधर, गोरखपुर के एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। अयोध्या में राममंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसी संदर्भ में 2 जनवरी 2021 से संतों की काशी में एक बड़ी सभा भी होने जा रही है। योगी का रामराज और रामकाज साथ-साथ चलने वाला है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब राज्य के जिलों का औचक निरीक्षण किया करेंगे। साफ-सफाई और कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए योगी आदित्यनाथ किसी भी जनपद के दौरे पर निकल सकते हैं। खास बात ये है कि ये दौरा सड़क मार्ग से ही होगा। अपने इन दौरों के दौरान सीएम योगी की मुख्य नजर सड़कों पर साफ-सफाई, शहर में स्वास्थ्य की व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर रहेगी। योगी इस दौरान आम लोगों से मुलाकात करेंगे, जिसमें अधिकारियों के बारे में फीडबैक जानेंगे। दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेरठ-गाजियाबाद आना था। जब मुरादाबाद से गाजियाबाद जाने के लिए हेलिकॉप्टर काम नहीं कर पाया, तो सीएम योगी ने सड़क मार्ग से जाने का फैसला लिया। इसी दौरान रास्ते में जगह-जगह गंदगी, कूड़े के ढेर दिखे जिसके बाद सीएम ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। अब इसी का असर है कि सीएम सूबे के अन्य शहरों, जिलों का औचक निरीक्षण करेंगे।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अब डेढ़ साल से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में चुनावी तैयारियों के साथ-साथ राजनीतिक दलों ने जनता का फीडबैक लेना भी शुरू कर दिया है। योगी सरकार ने पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई फैसले लिए हैं, जिनका सीधा असर आम लोगों खासकर मिडिक क्लास पर पड़ रहा है। इनमें किरायेदारी से जुड़ा एक कानून भी शामिल है। अपने मेरठ दौरे के दौरान ही सीएम योगी ने पुलिस अधिकारियों को मंत्र दिया था कि किसानों से हमेशा राम-राम कहकर बात करें और अपराधियों की 'राम-नाम सत्य है' की यात्रा निकालें। इसी कड़ी में फिल्म सिटी का निर्माण भी शामिल है। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर 21 में बनने वाली फिल्म सिटी उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट है।

सवाल यह है कि आखिर ये फिल्मसिटी कैसी होगी, इस में क्या-क्या सुविधाएं होंगी? इसकी शक्ल सूरत कैसी होगी? इसको बनाने में कितना खर्च होगा? इन सब की एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा रही है और उसी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर फिल्मसिटी की डीपीआर बनाने का काम सीबीआरआई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 21 में बनने वाली फिल्म सिटी की डीपीआर सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाएगी। ये कंपनी फॉर्च्यून 500 कंपनियों में 128वें नंबर पर आती है। योजना के अनुसार यह फर्म अपनी डीपीआर 60 दिनों यानी 2 महीने के अंदर प्राधिकरण में जमा कराएगी। यमुना प्राधिकरण में डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया चल रही थी। प्राधिकरण को टेंडर प्रक्रिया में शामिल कंपनियों ने अपना प्रजेंटेशन दिया था। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण सेक्टर 21 में फिल्म सिटी बनाने की तैयारी में है, यहां 1000 एकड़ में फिल्मसिटी बसाई जा रही है, जिसमें 780 एकड़ जमीन औद्योगिक उपयोग और 220 एकड़ व्यावसायिक उपयोग होने की योजना है। 100 एकड़ की फिल्म सिटी में रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑफ सिनेमा टीवी, ओटीटी इंडस्ट्री, डिजिटल स्पेस एंड प्रोडक्शन व सिनेमा हब जैसी तमाम इकाइयां भी बनाई जाएंगी।

इसी के साथ रामकाज भी होना है। आगामी 2 और 3 जनवरी 2021 को काशी में संतों की एक बड़ी सभा होने वाली है। सभी संत काशी विश्वनाथ मंदिर और राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, संत लव जिहाद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। संतों की चर्चा की तैयारी इन दिनों जोरों पर है। जानकारी के मुताबिक बैठक 2 जनवरी को सुबह 11 बजे शुरू होगी और 3 जनवरी को दोपहर 3 बजे तक चलेगी। बैठक को अखिल भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ओर से बुलाया गया है। यह बैठक हनुमान प्रसाद पोद्दार, अंध विद्यालय, दुर्गाकुंड में होगी। बताया जा रहा है कि आरएसएस और वीएचपी के अधिकारी भी बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में शामिल होने के लिए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती की तरफ से आमंत्रण पत्र भी भेजा जा चुका है। जिसमें बताया गया है कि बैठक में आने वाले संतों के लिए आवासीय व्यवस्था कैवल्य ज्ञानपीठ, सिगरा, वाराणसी और रामजानकी मठ, अस्सी, वाराणसी में रहेगी। इसमंे श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लिए धन एवं जन संकलन में सहयोग, संतों, महामंडलेश्वरों एवं कथावाचकों द्वारा वनवासी क्षेत्रों में कथा संपर्क पर विचार, नेपाल में सामाजिक, धार्मिक कूटनीति, काशी काठमांडू, अवध जनकपुरी में संत बैठक पर विमर्श किया जाएगा। इसके साथ ही हिंदू-पहचान संरक्षण बिल, मंदिर प्रबंधन हेतु देशभर में संगोष्ठी का आयोजन, लव जिहाद रोकने पर चर्चा

योगी की सरकार विकास कार्यों पर ध्यान दे रही है। गोरखपुर के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा गोरखपुर एयरपोर्ट अब अपने नये स्वारूप में दिखेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से अब इसका विस्तार होगा। कोहरे के कारण पिछले दिनों जब फ्लाइट लेट हुईं तो वहां पर यात्रियों के बैठने की जगह नहीं थी। इस समस्या का भी समाधान अथॉरिटी ने निकाला है। कोरोना संकट काल में अपने सीमित संसाधन में सबसे अधिक यात्रियों का परिचालन करने वाले गोरखपुर एयरपोर्ट पर मौजूदा में 2300-2500 यात्री प्रतिदिन सफर कर रहे हैं। यहां से नौ फ्लाइट, दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, कोलकाता और प्रयागराज के लिए जाती हैं। गोरखपुर एयरपोर्ट पर संसाधन सीमित है। यहां एक साथ 200 यात्रियों के ही चेक इन करने की सुविधा है। पर जब घने कोहरे के कारण फ्लाइट लेट हुई तो एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ लग गयी। इस भीड़ से निपटने और कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अब एक अस्थाई टेंट लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। और वहां पर 200 यात्रियों के बैठने के इंतजाम किये जायेंगे, जो चेक इन के बाद फ्लाइट लेट होने पर यहां पर बैठेंगे। एयरपोर्ट डायरेक्टर प्रभाकर वाजपेयी ने बताया कि गोरखपुर एयरपोर्ट के विस्तार का भी काम अगले साल के शुरुआती महीने में शुरू होने जा रहा है। (हिफी)

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