बोले बागपत DM - ममता का नामांकन नही हुआ वापस - अभी है प्रत्याशी
अब भाजपा और आरएलडी के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए घमासान देखने को मिलेगा।
बागपत। मंगलवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव में नाम वापसी को लेकर दिनभर चले राजनीतिक ड्रामे पर डीएम ने विराम लगाते हुए कहा है कि आरएलडी उम्मीदवार का पर्चा वापस ही नहीं हुआ था। बल्कि किसी ने मीडिया के भीतर उनके नाम वापसी की बिना सिर पैर की बात उड़ा दी। जिलाधिकारी द्वारा दिए गए इस बयान के बाद बागपत में हुए राजनीतिक ड्रामे पर ब्रेक लग गया है। अब भाजपा और आरएलडी के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए घमासान देखने को मिलेगा। उधर राजनीतिक क्षेत्रों पर नजर रखने वालों ने भी इस ड्रामे पर ब्रेक के बाद राहत की सांस ली है।
दरअसल मंगलवार की दोपहर बाद सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी तेजी के साथ फैली कि बागपत में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की आरएलडी उम्मीदवार ममता किशोर द्वारा अपना पर्चा वापस ले लिया गया है। जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी बबली का जिला पंचायत अध्यक्ष बनना सुनिश्चित हो गया है। अचानक से हुए इस घटनाक्रम के बाद आरएलडी ने डैमेज कंट्रोल करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर चल रहे शह और मात के खेल से बचते हुए राजस्थान के होटल में ठहरी आरएलडी उम्मीदवार और उनके पति ने एक पत्र भेजकर नाम वापसी की बात को गलत बताया। जिलाधिकारी के अलावा आरएलडी उम्मीदवार की ओर से भारतीय निर्वाचन आयोग को भी तमाम मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद आरएलडी नेताओं के साथ विपक्षी नेताओं का बागपत स्थित कलेक्ट्रेट पर जमावड़ा लग गया। इस बाबत जब खोजी न्यूज द्वारा बागपत के जिलाधिकारी राजकमल यादव से वास्तविक स्थिति जानने के लिए फोन पर बात की गई तो उन्होंने आरएलडी उम्मीदवार ममता किशोर द्वारा नाम वापस लिए जाने की बात को कोरी अफवाह बताया।
उन्होंने बताया कि आरएलडी उम्मीदवार की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का नामांकन वापिस ही नहीं लिया गया है। बल्कि मीडिया में यह बात किसी के द्वारा फैला दी गई है। उन्होंने कहा कि आरएलडी उम्मीदवार ममता किशोर का नामाकंन अभी तक भी पहले की तरह वैध है और वह चुनाव लड़ने के योग्य हैं। जिलाधिकारी द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद सवेरे से तेजी के बागपत में हुए राजनीतिक ड्रामे पर ब्रेक लग गया है। आरएलडी उम्मीदवार का पर्चा यथावत रहने से अब अध्यक्ष पद के लिए आरएलडी के साथ संयुक्त विपक्ष और भाजपा के बीच घमासान होने के आसार लगाए जा रहे हैं। भाजपा की कोशिश रहेगी कि वह रालोद उम्मीदवार को पटखनी देकर अपना दबदबा कायम रखें। जबकि ऐसी ही कोशिश आरएलडी द्वारा की जाएगी। क्योंकि आरएलडी अभी तक जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कई तरह के उतार-चढ़ाव देख चुकी चुकी है और अभी तक सभी झटकों को उसने आसानी के साथ सहते हुए उनसे उबरकर विरोधियों को मात देने में सफलता प्राप्त की है।