पायरिला कीट की रोकथाम के लिये गन्ना विभाग के प्रमुख सचिव ने दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव एंव आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर.भूसरेड्डी द्वारा पायरिला कीट की रोक - धाम के लिये दिशा-निर्देश जारी किये

Update: 2020-05-12 15:58 GMT

लखनऊ  गन्ने की फसल के लिये अभिशाप पायरिला कीट की रोकथाम के लिये गन्ना विकास विभाग द्वारा दिशा - निर्देश जारी किये गए है । विभाग का मानना है कि पायरिला कीट गन्ने की फसल हेतु एक अभिशाप है। इसके प्रकोप को रोकना अतिआवश्यक है। वैज्ञानिको द्वारा गन्ना बाहुल्य जनपदों में पायरिला कीट की जॉच कराने तथा इस कीट की रोक - थाम हेतु निर्देश जारी पायरिला कीट प्रभावी क्षेत्रों में सघन अभियान चलाकर कृषकों से जन सम्पर्क करके जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये गये है ।

आज उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव एंव आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर.भूसरेड्डी द्वारा गन्ने की फसल में लगने वाले पायरिला कीट की रोक - धाम के लिये दिशा - निर्देश जारी किये गये हैं । इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव एंव आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर.भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के कुछ गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों में पायरिला कीट का प्रकोप देखा जा रहा है । पायरिला कीट गन्ने की फसल हेतु एक अभिशाप है, इसके प्रकोप को रोकना अतिआवश्यक है , चूंकि वर्तमान समय में वातावरण में नमी अधिक है और तापक्रम में भी दिन - प्रतिदिन अत्यधिक उतार चढाव है तथा यह स्थिति पायरिला प्रकोप के लिए अनुकूल परिस्थतियों उत्पन्न करती है । प्रमुख सचिव एंव आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर.भूसरेड्डी ने बताया सभी गन्ना जनपदों में स्थलीय निरीक्षण करते हुए पायरिला कीट की जाँच उ . प्र . गन्ना शोध परिषद को दैज्ञानिकों द्वारा करते हुए यदि उक्त कीट का प्रकोप पाया जाता है तो उसकी रोक - थाम की उचित व्यवस्था की जानी आवश्यक है ।

प्रमुख सचिव एंव आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर.भूसरेड्डी द्वारा विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि जिन खेतों में पायरिला प्राकृतिक शव की संख्या नगण्य है वहां उ.प्र. गन्ना शोध परिषद की संस्तुति के अनुरूप चीनी मिलों द्वारा पावर स्प्रेयर से वृहद स्तर पर सुरक्षात्मक कीटनाशी इमिडाक्लोरोपिड 150 - 200 मि.ली. अथवा प्रोफेनोफास 750 मि.ली . को 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कराया जाय , साथ ही गन्ना कृषकों को पायरिला कीट से प्रभावित खेतों में तुरन्त सिंचाई एवं निराई कर के खेत में सफाई रखने हेतु सुझाव दिये जाये जिससे कि परजीवी कीट इपीरिकेनिया मेलैनोल्यूका ककून का तीव्रता से सम्वर्धन हो सके । जिन क्षेत्रों में पायरिला का प्रकोप ज्यादा है उन क्षेत्रों का विशेष ध्यान देते हुए उसकी तुरन्त रोक - थाम के लिए उ . प्र . गन्ना शोध परिषद से तत्काल सम्पर्क स्थापित कर यथा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये ।

प्रमुख सचिव एंव आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर.भूसरेड्डी द्वारा यह निर्देश भी जारी किये गये कि पायरिला कीट से प्रभावित क्षेत्रों में सघन अभियान चलाकर कृषक से जन सम्पर्क करके जागरूकता गोष्ठियां कराये , एस . एम . एस . भेजकर एवं प्रचार साहित्य द्वारा गन्ना कृषकों को जागरूक करें , इसके परभक्षी कीट . अण्ड परजीवी एवं निम्फ परजीवी इपीरिकेनिया के बारे में बताया जाय एवं बचाव के उपायों के सम्बन्ध में जागरुक करते हुए प्राकृतिक नियंत्रण पर जोर दिया जाय । इन सभी क्रियाकलापों में भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा कोविड - 19 के संबंध में जारी सोशल एवं फिजिकल डिस्टेसिंग का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए ।

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