वृद्ध पिता ने अनदेखी का बेटों को सिखाया सबक अपनी सारी संपत्ति कर दी..

बुजुर्गों की संपत्ति पर अपनी काकदृष्टि जमाकर रखने वाले बेटों व बहूओं को अपने माता-पिता और सास ससुर की कभी भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।

Update: 2021-11-27 11:41 GMT

आगरा। भरा पूरा परिवार होने के बावजूद अपने भाइयों के ऊपर आश्रित वृद्ध ने अपने बेटों को अनदेखी का पुरस्कार देते हुए अपनी सारी संपत्ति को जिलाधिकारी के नाम कर दिया है। लगभग 3 साल पहले कराई गई वसीयत बुजुर्ग द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट को सौंप दी गई है। वृद्ध ने अपनी जीवन भर की कमाई को सरकार को सौंपकर युवाओं को इस बात का संदेश दिया है कि बुजुर्गों की संपत्ति पर अपनी काकदृष्टि जमाकर रखने वाले बेटों व बहूओं को अपने माता-पिता और सास ससुर की कभी भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।

दरअसल ताजनगरी आगरा के थाना छत्ता अंतर्गत निरालाबाद पीपल मंडी निवासी गणेश शंकर पांडे ने अपने भाई नरेश शंकर पांडे, रघुनाथ और अजय शंकर के साथ मिलकर 1983 में 1 हजार गज जमीन खरीदकर उसके ऊपर आलीशान मकान बनवाया था। मकान की कीमत मौजूदा समय में तकरीबन 13 करोड़ रूपये के लगभग है। समय गुजरने और अपने अपने परिवार तैयार होने के साथ चारों भाइयों ने अपना बंटवारा कर लिया। वर्तमान में वृद्ध गणेश शंकर चौथाई मकान के मालिक हैं। जिसकी कीमत लगभग 3 करोड़ रुपए है। गणेश शंकर ने बताया कि उनके दो बेटे हैं, जो घर में रहते हुए भी उनका ध्यान नहीं रखते हैं। उनको दो वक्त के भोजन के लिए अपने भाइयों पर आश्रित होना पड़ रहा है। अनदेखी की बाबत समझाने पर बेटों ने उनसे अपना नाता तोड़ दिया। इस बात से खफा होकर उन्होंने अपनी सारी संपत्ति डीएम आगरा के नाम कर दी। वर्तमान में गणेश शंकर अपने भाइयों के साथ रह रहे हैं और एक ही घर में होते हुए भी वह अपने बेटों से दूर हैं।

बेटों की लगातार अनदेखी से गुस्साकर बुजुर्ग गणेश शंकर ने अगस्त 2018 में डीएम आगरा के नाम अपने मकान की वसीयत कर दी थी। अब कलेक्ट्रेट जाकर जनता दर्शन में उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिपाल चौहान को रजिस्टर्ड वसीयत सौंपी है। सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिपाल चौहान ने बताया कि उन्हें वसीयत प्राप्त हुई है। जो जगह उन्होंने डीएम आगरा के नाम की है, उसकी करोड़ों की कीमत है। वसीयत की एक प्रति उनके भाइयों के पास भी है और भाइयों को इस बात से कोई ऐतराज नहीं है।

Tags:    

Similar News