जानकारी नही देना ईओ जानसठ को पडा महंगा-किये गये लखनऊ तलब
अंतर्गत सूचनाएं उपलब्ध नही कराए जाने के चलते नगर पंचायत जानसठ के अधिशासी अधिकारी को लखनऊ तलब कर नोटिस जारी किया है
जानसठ। उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत सूचनाएं उपलब्ध नही कराए जाने के चलते नगर पंचायत जानसठ के अधिशासी अधिकारी को लखनऊ तलब कर नोटिस जारी किया है।
दरअसल नगर पंचायत जानसठ के मोहल्ला हुसैनपुरा उत्तरी वार्ड नंबर 5 के सभासद और आरटीआई कार्यकर्ता अनुज सैनी ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (1) के अधीन कार्यालय नगर पंचायत जानसठ से दिनांक 14 जुलाई 2021 को निर्धारित शुल्क जमा करते हुए कार्यालय नगर पंचायत जानसठ द्वारा 6 जनवरी 2018 से अभी तक कराए गए कुल विकास, निर्माण कार्यों एवं खरीद के प्रकाशित कराए गए सभी टेंडर और उनके स्टीमेट की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध कराने हेतु आवेदन किया था।
इसके बाद कार्यालय नगर पंचायत जानसठ के पत्रांक 191/न0प0जा0/2021-22 दिनांक 16 अगस्त 2021 के जवाब में अधिशासी अधिकारी विनोद कुमार शुक्ला ने अपने जवाब में बताया कि ब्यौरा विस्तृत है। जिससे लोक प्राधिकरण की दक्षता प्रभावित हो सकती है जो कि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की नियमावली 2015 के नियम 42 (घ) 5 के अंतर्गत उपलब्ध कराया जाना अपेक्षित नहीं है।
उधर आरटीआई कार्यकर्ता अनुज सैनी ने इसकी प्रथम अपील उप जिलाधिकारी जानसठ न्यायालय में की। प्रथम अपीलीय प्राधिकारी जानसठ जयेंद्र कुमार के अपील संख्या 91/2021 में नोटिस जारी कर ईओ जानसठ विनोद कुमार शुक्ला को सूचनाएं उपलब्ध करने के आदेश दिए। लेकिन अपीलार्थी को कोई सूचना नगर पंचायत जानसठ द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई।
अपीलार्थी अनुज सैनी द्वारा इसकी द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग लखनऊ से की गई। इसकी अपील संख्या एस 1744 नोटिस संख्या 2785 जारी करते हुए आगामी 6 मई को राज्य सूचना आयोग द्वारा ईओ जानसठ विनोद कुमार शुक्ला को सूचनाएं उपलब्ध न कराए जाने के चलते लखनऊ तलब किया है।
आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि नगर पंचायत जानसठ में कई विकास और निर्माण कार्य ऐसे है जो मौके पर कराए ही नहीं गए हैं। लेकिन इनका भुगतान नगर पंचायत जानसठ द्वारा किया गया है। इसी भ्रष्टाचार के खुलासे के डर से उनको कोई सूचना नगर पंचायत जानसठ द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।