UP के इस MLA की खतरे में पड़ी विधायकी- हाईकोर्ट ने किया तलब

इलेक्शन जीत जीत कर भारतीय जनता पार्टी के विधायक बने राम फेरन पांडे की सदस्यता पर खतरे के बादल मंडराने लगे है

Update: 2022-05-17 07:24 GMT

लखनऊ। श्रावस्ती विधानसभा सीट से इलेक्शन जीत जीत कर भारतीय जनता पार्टी के विधायक बने राम फेरन पांडे की सदस्यता पर खतरे के बादल मंडराने लगे है। सपा के पूर्व विधायक एवं हारे हुए प्रत्याशी असलम राईनी की ओर से उनकी विधायकी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। पूर्व सपा एमएलए की ओर से हाईकोर्ट में दी गई अपनी याचिका में दावा किया गया है कि बीजेपी विधायक ने अपने नामांकन के दौरान जो हलफनामा चुनाव आयोग के सामने दाखिल किया है वह पूरी तरह से अवैध है। क्योंकि राम फेरन की ओर से चुनाव आयोग को अपने खिलाफ दर्ज दर्जनों आपराधिक मुकदमों, शैक्षिक योग्यता, इनकम टैक्स, संपत्ति, बैंक लोन, गाड़ी और असलाह आदि को लेकर झूठा हलफनामा दाखिल किया गया है।

मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के श्रावस्ती विधानसभा सीट से विधायक राम फेरन पांडे के खिलाफ समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक असलम राईनी की ओर से हाईकोर्ट में दी गई शिकायत में उनकी विधायकी को चुनौती दी गई है। सपा के एक्स एमएलए का आरोप है कि बीजेपी विधायक के ऊपर पिछले 28 सालों में दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन विधायक का केस आज तक एमपी एमएलए कोर्ट में नहीं गया है। अब हाईकोर्ट ने विधायक राम फेरन पांडे को 30 मई से पहले अदालत में तलब कर लिया है। बीजेपी विधायक ने श्रावस्ती की विधानसभा सीट से 1457 वोटों से सपा केंडीडेट को हराकर जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर सपा के पूर्व विधायक असलम राईनी रहे थे।

अब असलम राईनी की ओर से हाईकोर्ट के सम्मुख दाखिल की गई याचिका में विधायक राम फेरन के ऊपर चुनाव आयोग को अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों को लेकर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया है। एक्स एमएलए का आरोप है कि बीजेपी विधायक ने अपनी बहुत सी संपत्ति को छुपाया है। जिसका प्रमाण वह हाईकोर्ट को दे चुके हैं। उन्होंने अपनी 10 करोड़ की संपत्ति को महज 5 करोड़ होना ही दिखाया है।

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