किसानों की समृद्धि के लिए नई राह खोलेगा कृषि कुम्भ-2023: कृषि मंत्री
कृषि एवं सम्वर्गीय सेक्टर की 500 कम्पनियों एवं संस्थाओं द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा
लखनऊ। वर्तमान सरकार के प्रथम कार्यकाल में आयोजित कृषि कुम्भ-2018 की भाँति ही सरकार के इस कार्यकाल में भी कृषक हितैषी सरकार द्वारा कृषि कुम्भ-2023 द्वितीय संस्करण (अन्तर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं सम्मेलन) का आयोजन दिसम्बर के द्वितीय पखवाड़े में प्रस्तावित है। यह कार्यक्रम भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के परिसर में आयोजित होगा। इस बार गत कृषि कुम्भ-2018 के सापेक्ष कार्यक्रम का आयोजन और अधिक भव्य और दिव्य बनाया जायेगा, ताकि प्रदेश के किसान तकनीक से तरक्की की ओर बढ़ सकें। कृषि कुम्भ के इस आयोजन से अनुसंधान से खलिहान तक का सफर बहुत आसान हो जायेगा। इससे तकनीकी किसानों तक पहुंचेगी और उन्हें समृद्धशाली बनायेगी। इस प्रकार कृषि कुम्भ-2023 किसानों की समृद्धि के लिए नई राह खोलेगा।
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि कुम्भ-2023 में दो लाख प्रगतिशील कृषकों की प्रतिभागिता प्रस्तावित है। इस दौरान विभिन्न सामयिक विषयों पर 19 तकनीकी सत्र आयोजित किये जायेंगे। इस कुम्भ में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की कृषि एवं सम्वर्गीय सेक्टर की 500 कम्पनियों एवं संस्थाओं द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। कार्यक्रम आयोजन हेतु चयनित इवेन्ट मैनेजमेन्ट कम्पनी के माध्यम से प्रतिभागी कम्पनियों को स्टाल ब्रिकी के माध्यम से रू0 4.00 करोड़ राजस्व प्राप्ति हेतु अनुबन्ध किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु जापान, कोएशिया, पोलैण्ड, पेरू, जर्मनी, यूएसए, फिलीपीन्स, साउथ कोरिया, इन्डोनेशिया आदि देशों से कृषि क्षेत्र में नवाचारी कार्य करने वाले लोग भी प्रतिभाग करेंगे। प्राकृतिक खेती, अन्न, एफपीओ आधारित व्यवसाय, डिजीटल एग्रीकल्चर, एग्री स्टार्टअप आदि विषयों पर कार्यशालाओं के आयोजन के साथ-साथ अन्न पाककला प्रतियोगिता का भी आयोजन प्रस्तावित है।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि कुम्भ-2023 के आयोजन का उद्देश्य प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डालर के स्तर पर ले जाने के लिए किसानों को उत्पादक से उद्यमी बनाना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर पोषण, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य के साथ-साथ भविष्य की जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी है। खेती की लागत कम करने, किसानों की आय बढ़ाने और स्वास्थ्य तथा पोषण की दृष्टि से अन्न को बढ़ावा भी मिलेगा। कृषि कुम्भ आयोजन हेतु वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में एक दर्जन से अधिक समितियां गठित करते हुए सक्रिय कर दी गयी हैं। आयोजन स्थल पर सजीव प्रदर्शन जिनमें इन्टीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम, उद्यान एवं बागवानी, मत्स्य पालन, रेशम, भूमि संरक्षण, आदि के मॉडल सम्मिलित हैं। इसके लिए क्षेत्र चिन्हांकन करते हुए सम्बन्धितों को आवंटन कर दिया गया है। सम्बन्धित विभाग के अधिकारी अभी से सजीव प्रदर्शन की तैयारियों में जुट गये हैं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कार्यक्रम की तिथियां मुख्यमंत्री के स्तर से अनुमोदित होते ही सार्वजनिक कर दी जायेंगी। कार्यक्रम के प्रचार प्रसार हेतु दिल्ली में एक कट्रेन रेजर और आयोजन स्थल पर भूमि पूजन का कार्यक्रम भी किया जाना है, जिसकी तिथियों की घोषणा शीघ्र ही की जायेगी।
प्रेस वार्ता के दौरान अपर मुख्य सचिव कृषि डा0 देवेश चतुर्वेदी, सचिव तथा निदेशक कृषि डा0 राजशेखर, महानिदेशक उ0प्र0 कृषि अनुसंधान संस्थान, निदेशक मण्डी परिषद अंजनी कुमार सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।