पुलिस की संवेदनहीनता-किसान के शव को कूड़ा गाड़ी में भेजा पीएम को

महामारी के रूप में आई कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लोगों को पता नहीं कैसे-कैसे दिन दिखा रही है।

Update: 2021-05-30 13:26 GMT

लखनऊ। महामारी के रूप में आई कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लोगों को पता नहीं कैसे-कैसे दिन दिखा रही है। मौत के बाद जहां लोगों को चार कंधे नसीब नहीं हो रहे हैं। वही पुलिस भी पूरी तरह संवेदनहीन होकर मृतकों के शव को कूड़ा गाड़ी में डालकर पीएम के लिए भिजवाने में कोई गुरेज नहीं कर रही है। किसान की मौत के बाद पुलिस ने शव को नगर निकाय की कूडा गाड़ी में डालकर पीएम के लिए भिजवा दिया। एएसपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

दरअसल महोबा निवासी किसान रामकरण की पिछले काफी समय से तबीयत खराब चल रही थी। सांस लेने में दिक्कत होने के बाद जब किसान की स्थिति ज्यादा गंभीर हुई तो परिवार वाले किसान को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पहुंचे। अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने जांच पड़ताल करने के बाद किसान रामकरण को मृत घोषित कर दिया। घटना के संबंध में अस्पताल प्रबंधन की ओर से सदर कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई। जानकारी मिलने के बाद महोबा थाने के सब इंस्पेक्टर और 2 सिपाही जिला अस्पताल पहुंचे और किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने की कार्यवाही करने लगे। बताया जा रहा है कि उस समय अस्पताल के पास कोई वाहन नहीं मौजूद था। पंचनामा भरने के लिए पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए नगर पंचायत की कूडा करकट ढोने वाली गाड़ी को बुलाया और उसमें किसान के शव को डलवा दिया। बेरहमी से फेंके किसान के शव को कूडा गाड़ी में डालने की किसी व्यक्ति ने वीडियो तैयार कर ली और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो को देखते ही पुलिस को काफी लानत मलामत मिलने लगी और लोग पुलिस की संवेदनहीनता की तरह तरह से निंदा करते हुए आरोपी पुलिस कर्मियों को निलंबित किये जाने की मांग उठाने लगे। सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो से मामले का संज्ञान लेते हुए एएसपी ने पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वह जांच करने के बाद 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट उन्हें सौंप दे। उसके आधार पर ही आगे की कार्यवाही को अंजाम दिया जाएगा।

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