बिजली चोरी के छापों की नहीं कराई वीडियो एवं फोटोग्राफी तो होगा ऐसा इलाज़
कॉरपोरेशन की ओर से छापेमारी की कार्यवाही के दौरान वीडियो ग्राफी एवं फोटोग्राफी करना अनिवार्य कर दिया गया है।
लखनऊ। विद्युत विभाग द्वारा बिजली चोरी के मामलों को लेकर की जाने वाली विजिलेंस की छापेमारी पर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने का इंतजाम करते हुए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की ओर से छापेमारी की कार्यवाही के दौरान वीडियो ग्राफी एवं फोटोग्राफी करना अनिवार्य कर दिया गया है।
सोमवार को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने विजिलेंस द्वारा बिजली चोरी के मामलों को लेकर की जाने वाली छापामार कार्यवाही के संबंध में दिशा निर्देश जारी करते हुए छापामारी की कार्यवाही के दौरान वीडियो ग्राफी एवं फोटोग्राफी करना अनिवार्य कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि जांच के बाद मौके से ही जांच आख्या निर्धारित प्रारंभ में आरएमएस पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य की गई है। जांच टीम के बारे में जानने के लिए उपभोक्ताओं को भी महा प्रबंधक द्वारा कई अधिकार दिए गए हैं।
एमडी की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि मीटर की चेकिंग के समय जांच करने वाली टीम अपनी जियो टैग फोटो इस प्रकार से लेगी कि मीटर की रीडिंग के साथ ही उस दिन की तिथि एवं समय भी फोटो पर अंकित दिखाई दे।
यदि उपभोक्ता चेकिंग टीम के साथ फोटो लेना चाहता है तो उसका फोटो भी खिंचवाना होगा। चेकिंग के तुरंत बाद मौके पर ही जांच आख्या निर्धारित प्रारूप में आरएमएस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
इसके लिए जांच करने के लिए पहुंची टीम के प्रभारी उत्तरदायी होंगे।