लखीमपुर खीरी हादसे को लेकर कलेक्ट्रेट पर डटे रहे सैंकड़ों सपाई

जिला मुख्यालय तक आक्रामक नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने के साथ मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर पर धरना दिया।

Update: 2021-10-04 15:09 GMT

मुजफ्फरनगर। लखीमपुर खीरी में हुई घटना को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने के लिये कहा था। अखिलेश यादव के निर्देशन में व सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी की अगुवाई में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए जिला मुख्यालय पर धरना दिया। सपा कार्यालय पर सुबह से ही सपा कार्यकर्ताओं का इकट्ठा होना शुरू हो गया था। इकट्ठा हुए सैकड़ों सपा कार्यकर्ताओं नेताओं ने महावीर चौक से लेकर जिला मुख्यालय तक आक्रामक नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने के साथ मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर पर धरना दिया।


सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने धरना स्थल पर संबोधन में कहा कि भाजपा की केंद्र व यूपी की सरकार अब तक के इतिहास की सबसे निरंकुश किसान विरोधी सरकार साबित हुई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा व उत्तर प्रदेश में तो आंदोलनकारी किसानों के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मनोहर लाल खट्टर खुलेआम हिंसा के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को उकसाने वाले बयान देते नजर आते हैं। इसी के चलते लखीमपुर खीरी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार की साजिश व संरक्षण में किसानों को गाड़ी के नीचे रौंदकर हत्या की है। जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि समाजवादी पार्टी हत्यारे भाजपा कार्यकर्ताओं पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने तथा शहीद किसानों के परिवार को 2 करोड रुपए मुआवजा की मांग करती है।


पूर्व मंत्री राजपाल सैनी व पूर्व मंत्री मुकेश चौधरी ने धरने पर संबोधन में कहा कि भाजपा सरकार द्वारा चंद उद्योगपतियों के निजी हितों के लिए लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के धरने को 9 माह से ज्यादा समय होने पर व 1000 से ज्यादा किसानों की शहादत के बाद भी मोदी व योगी सरकार की चंद उद्योगपतियों के प्रति वफादारी में कमी न आना इतिहास की सबसे खराब किसान विरोधी सरकार को साबित करता है। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति हिंसा को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


पूर्व मंत्री उमा किरण व पूर्व विधायक अनिल कुमार ने प्रदेश की योगी सरकार के संरक्षण में हुए लखीमपुर खीरी के किसान नरसंहार को सुनियोजित घटना बताते हुए हमले के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की।


पूर्व प्रत्याशी एवं वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा ने कहा कि लखीमपुर खीरी कांड जोकि एक अत्यंत जघन्य अपराध है और एक अमानवीय कृत्य है। सरकार और सरकार के नशे में चूर ऐसे लोग जिन्होंने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया है या वे लोग जो इसके पीछे है सभी इसके दोषी है। निर्दाेष किसानों को अमानवीय तरीके से कुचल कर उनकी हत्या कर देना सरकार व उसके नेताओं का क्रूर व अलोकतांत्रिक चेहरा है जो अब जनता के सामने आ रहा है। यह केवल और केवल किसान आंदोलन द्वारा किसानों की उठ रही आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा है। निसंकोच सरकार किसानों के प्रति क्रूर हो चुकी है। अब यह सरकार 2022 उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कुछ भी अधिक अप्रिय घटना इससे भी दर्दनाक किसानों के साथ दोहरा सकती है। किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन चला रहे है। सरकार चाहती है की किसी तरीके से किसान उग्र हो जाए और लॉ एंड ऑर्डर का बहाना लेकर सरकार डंडे के बल पर आंदोलन समाप्त करा दे। सरकार किसान के धैर्य की परीक्षा ना ले, किसान मर सकता है पर इन कृत्यों से डरने वाला नहीं। समाजवादी पार्टी पूर्ण रूप से ऐसी अमानवीय सरकार और ऐसे अमानवीय नेता जिन्होंने घटना को अंजाम दिया है के पूर्ण रूप खिलाफ है। हमारी मांग है कि हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी हो उन सभी दोषियों के खिलाफ केस दर्ज हो और पीड़ित परिवारों और पूरी किसान कौम को इंसाफ मिले।


सपा महानगर अध्यक्ष अलीम सिद्दीकी व सपा जिला उपाध्यक्ष राजीव बालियान ने कहा कि लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए मृतक किसानों को 2 करोड़ मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी व घायल किसानों को 20 लाख रुपए की मुआवजे की मांग करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को नरसहार का जिम्मेदार बताते हुए पद छोड़ने व गिरफ्तारी की मांग की।


सपा जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष गौरव स्वरूप व सपा नेता रामनिवास पाल ने अपने संबोधन में तुरंत काले कृषि कानूनों को वापस करने, लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार के दोषियों को जेल भेजने की मांग की।


पूर्व एमएलसी प्रत्याशी गौरव जैन व सपा नेता श्यामलाल बच्ची सैनी ने कहा कि लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार योगी सरकार की सुनियोजित साजिश है। योगी सरकार गुंडागर्दी के बल पर किसान आंदोलन को कुचलने की भूल कर रही है जिसके परिणाम गंभीर होंगे।


सपा नेताओं ने जिला मुख्यालय पर धरने को सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की गिरफ्तारी की खबर पर सपा सुप्रीमो की रिहाई व किसानों के हत्यारों पर मुकदमा दर्ज की सूचना तक अनिश्चितकालीन धरने को चलाने की घोषणा कर दी। सपा नेताओं ने कहा कि वह तीन सूत्रीय मांगों को लेकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर को ज्ञापन देने आए हैं अब जब तक किसानों पर अत्याचार बंद नहीं होगा समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता खामोश नहीं बैठेंगे।


प्रदर्शन व धरने में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री महेश बंसल, सपा जिला उपाध्यक्ष सोमपाल सिंह भाटी, असद पाशा, सुखपाल सिंह, पूर्व महानगर अध्यक्ष अंसार आढ़ती, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी शिवान सैनी, सपा व्यापार सभा जिलाध्यक्ष राहुल वर्मा, सपा लोहिया वाहिनी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हारून अली, सपा लोहिया वाहिनी राष्ट्रीय सचिव शौकत अंसारी, रोहन त्यागी सपा, जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल, सपा छात्र सभा जिलाध्यक्ष युसूफ गौर, सपा अल्पसंख्यक सभा जिलाध्यक्ष डॉक्टर नूर हसन सलमानी, महानगर महामंत्री सपा शलभ गुप्ता एडवोकेट के अलावा सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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