की थी माँ-बेटी की हत्या- दोनों को मिली मृत्युदंड की सजा

जनपद की एक अदालत ने मां बेटी की हत्या का आरोप सिद्ध होने पर गुरूवार को एक महिला समेत दो लोगों को मृत्यु दंड की सजा सुनायी।

Update: 2021-09-16 14:40 GMT

सोनभद्र। जनपद की एक अदालत ने मां बेटी की हत्या का आरोप सिद्ध होने पर गुरूवार को एक महिला समेत दो लोगों को मृत्यु दंड की सजा सुनायी।

अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने 11 वर्ष पूर्व मां-बेटी की साड़ी से गला दबाकर की गई हत्या एवं बिस्तर पर आग से जलाने के मामले में सुनवाई करते हुए इस गंभीरतम अपराध माना और दोषी गीता देवी एवं अशोक शर्मा को मृत्युदंड एवं 70-70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अदालत ने नृशंस हत्या मानते हुए कहा है कि दोनों को अलग-अलग फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक कि मौत न हो जाए।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाने में मिर्जापुर जिला अंतर्गत कोतवाली कटरा के शबरी संकठा प्रसाद की गली निवासी सतीश कुमार शर्मा ने 21 दिसंबर 2010 को दी तहरीर में बताया था कि उसकी पुत्री सुनीता देवी व तीन वर्षीय बच्ची झलक की साड़ी से गला दबाकर हत्या करके बिस्तर पर जला दिया गया था। उसने आरोप लगाया था कि यह हत्या बेटी की सास गीता देवी एवं दूर का रिश्तेदार अशोक शर्मा ने मिलकर की, क्योंकि अशोक शर्मा अक्सर चोपन आता रहता था और गीता देवी से अवैध सम्बंध के चर्चे होती रही।

तहरीर पर पुलिस ने हत्या की जांच शुरू की। इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के पेट में गर्भ पाए जाने की पुष्टि हुई है। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने बारी-बारी से चोपन गांव निवासी गीता देबी एवं मिर्जापुर जिले के जिगना थानांतर्गत हरगढ़ गांव निवासी अशोक शर्मा के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर गीता देवी एवं अशोक शर्मा को मृत्युदंड एवं 70-70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय कुमार यादव ने बहस की।

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