गन्ना विकास परिषद में वित्तीय गबन,संजय भूसरेड्डी ने कमिश्नर को सौंपी जाँच
गन्ना विकास परिषद में वित्तीय गबन के फलस्वरूप प्रभारी लेखा लिपिक को जेल
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गन्ना एवं चीनी आयुक्त, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि कार्यालय गन्ना विकास परिषद, मलियाना, मेरठ में कार्यरत नरेश कुमार शर्मा, प्रभारी लेखा लिपिक द्वारा वित्तीय अनियमितता किये जाने का प्रकरण संज्ञान में आने पर जिला गन्ना अधिकारी, मेरठ से इस प्रकरण की प्रारम्भिक जाँच करायी गयी। जाँच में मुख्य रूप से दोषी पाये जाने पर नरेश कुमार शर्मा के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराते हुये उन्हें गिरफ्तार कर जेल में निरुद्ध किया गया है। विभाग द्वारा श्री शर्मा को जेल में निरुद्ध होने की तिथि-06 जुलाई, 2020 से निलम्बित कर दिया गया है।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुये अपर मुख्य सचिव गन्ना एवं चीनी आयुक्त, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आने पर जाँच की गयी, जाँच दल द्वारा पाया गया कि शर्मा द्वारा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, मलियाना के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अपने और अपने सम्बन्धियों के खातों में कूटरचित तरीके से लगभग रु. दो करोड़ से अधिक की सरकारी/परिषद धनराशि को अन्तरित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि गन्ना विकास परिषद मलियाना के वित्तीय कार्यों के लिए पंजाब नेशनल बैंक एवं सिंडिकेट बैंक बागपत रोड मेरठ में खाते संचालित थे। इन बैंकों के कार्मिकों की भूमिका भी इस प्रकरण में संदिग्ध है।
अपर मुख्य सचिव गन्ना एवं चीनी आयुक्त, संजय आर. भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि शर्मा को रु. दो करोड़ से अधिक के गबन/आर्थिक अपराध का दोषी पाया जाने तथा सम्बन्धित बैंकों के कार्मिकों की भूमिका संदिग्ध होने के कारण भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा, 420, 120-बी, 467, 468, 471 और 477-ए के अन्तर्गत संबंधित थाना टी.पी. नगर, मेरठ में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी तथा श्री शर्मा को कारागार में निरुद्ध कर दिया गया है। गन्ना विकास परिषद, मलियाना मेरठ की गबन की गयी धनराशि के सम्बन्ध में पुलिस द्वारा विवेचना करते हुये गबन की गयी धनराशि की बरामदगी हेतु आवश्यक कार्यवाही करते हुये अब तक करीब 23 लाख रुपये की वसूली करायी जा चुकी है।
अपर मुख्य सचिव गन्ना एवं चीनी आयुक्त, संजय आर. भूसरेड्डी बताया कि उक्त गबन के प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये गन्ना विकास परिषद मलियाना, मेरठ को पहुँचाई गयी क्षति का आंकलन करने एवं परिषद तथा सम्बन्धित बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारियों की संलिप्तता आदि की जाँच मण्डलायुक्त, मेरठ को सौंपी गयी है।