ईद उल अज़हा पर मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक, घरों में ही पढ़ें नमाज़ : डीजीपी
प्रदेश के सभी मौलवियों से भी अपील की गई है कि वे इस बाबत नागरिकों को इसके प्रति जागरूक करें ।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस ने ईद उल अज़हा को सकुशल संपन्न कराए जाने को लेकर जरूरी गाइडलाइंस जारी कर दी है। गाइडलाइन के अनुसार, इस वर्ष बकरीद पर मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक रहेगी। साथ ही खुले स्थानों पर कुर्बानी देने और खुले में मांस लेकर जाना भी प्रतिबंधित रहेगा।
दरअसल, इस वर्ष सावन माह के अंतिम सोमवार के दिन ही ईद उल अज़हा(बकरीद) पड़ रही है। जिसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सभी नागरिकों को अपने घरों में रहकर ही ईद की नमाज़ पढ़ने और बकरीद का त्यौहार सकुशल मनाने की अपील की गई है।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने प्रेस नोट जारी किया है। जिसमें सभी जनपदों के पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि कुर्बानी के दौरान गोवंश की हत्या को लेकर कई बार पूर्व में भी सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न की जाए। छोटी से छोटी घटना को भी संज्ञान में लिया जाए और जो भी विधिक कार्रवाई हो उसका पालन किया जाए।
प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन में यह भी कहा गया है कि "पुलिस लाउडस्पीकर का प्रयोग कर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूक करे। सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर बनाए रखें। भ्रामक सूचना फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। थानाध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी हर घटना का गंभीरता से संज्ञान लें।"
उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट में निर्देशित किया गया है कि प्रदेश में मिश्रित और अति-संवेदनशील इलाकों की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाए। गोवध और गोवंश के अवैध परिवहन पर पूर्ण व प्रभावी नियंत्रण के लिए आवश्यक उपायों को करने के लिए कहा गया है। इस वर्ष ईद उल अज़हा का त्योहार 1 अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्योहार तीन दिन तक मनाया जाता है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने पुलिस प्रशासन को अलर्ट रहने के लिए कहा है।
प्रदेश के सभी मौलवियों से भी अपील की गई है कि वे इस बाबत नागरिकों को इसके प्रति जागरूक करें । साथ ही सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे कि फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर इत्यादि पर भी जरूरी निगरानी बनाए रखने के कड़े निर्देश दिए गए है। और गाइडलाइन में उल्लेखित दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए है।