सरकार द्वारा प्रदेश में लम्पी रोग की रोकथाम हेतु लिये गये प्रभावी निर्णय

लम्पी रोग के प्रभावी क्षेत्रों से अन्य क्षेत्रों में प्रसार पर प्रभावी अंकुश सम्भव हो रहा है।

Update: 2022-09-23 13:26 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि लम्पी स्किन संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम एवं सघन टीकाकरण के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठा रही है। लम्पी नियंत्रण की गाइडलाइन का पालन करने हेतु प्रभावी क्षेत्रों में सुरक्षा घेरा तैयार कराया गया है। पशुपालन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन लम्पी नियंत्रण के लिए निरन्तर क्रियाशील है । मा0 मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं निर्देशों के अनुरूप लम्पी रोग के नियंत्रण पर पैनी नजर रखी जा रही है। जहाँ पर भी इस रोग की सूचना प्राप्त हो रही है वहाँ पर चिकित्सकों एवं टीकाकरण की मशीनरी तत्काल उपलब्ध कराई जा रही है। जिसके फलस्वरूप लम्पी रोग के प्रभावी क्षेत्रों से अन्य क्षेत्रों में प्रसार पर प्रभावी अंकुश सम्भव हो रहा है।

पशुधन मंत्री आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विधानसभा में दिये गये वक्तव्य के प्रमुख अंशों की जानकारी दे रहे थे। पशुधन मंत्री ने बताया कि लम्पी स्किन डिसीज देश के 14 प्रदेशों में फैला है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में रोग की दस्तक होते ही अन्य प्रदेशों से लगी सीमायें सील कर दी गयी और प्रदेश में पशुओं के यातायात/परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्होने कहा कि हाट, बाजार, नुमाइश, पशुओं के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गयी और सतर्कता हेतु सीमा पर बसे झांसी मण्डल, आगरा मण्डल, अलीगढ़ मण्डल, सहारनपुर मण्डल, मुरादाबाद मण्डल, बरेली मण्डल तथा मेरठ मण्डल के जिलों पर वायरस का प्रभाव है। पश्चिम से पूर्वी प्रदेश में संक्रमित पशु न आने पाये इस हेतु पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पशुओं हेतु लॉकडॉउन लगा दिया गया है।

पशुधन मंत्री ने बताया कि पशुओं में लम्पी रोग के लक्षण बुखार आना, नाक व ऑख से पानी बहना, भूख न लगना तथा सिक्के के बराबर चकते/फफोले हो जाते है। जिससे दूसरे पशु भी प्रभावित हो जाते है। उन्होंने बताया कि यह रोग पशुओं से मनुष्यों में नहीं होता है इसलियें लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।

मंत्री धर्मपाल ने बताया कि प्रदेश के पश्चिमांचल के 26 जनपद 'लम्पी स्किन' रोग से प्रभावित हैं, जिनमें 26,197 गोवंश संक्रमित हुआ। 26,197 पशुओं में से 16,872 पशु रोग मुक्त हुए, इसका प्रतिशत 64 है। प्रदेश में 26,04,500 (छब्बीस लाख चार हजार पांच सौ) पशुओं का गोटपॉक्स टीकाकरण हो चुका है और 1126 टीमें कार्य कर रही हैं। गो आश्रय प्रभावित स्थलों के पशुओं को अलग रखने हेतु 76 आईसोलेशन सेंटर स्थापित किये गये हैं। लम्पी संक्रमित रोग की चिकित्सा हेतु समस्त जनपदों में औषधियाँ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त पशुपालकों को नीम की पत्तियों को जलाकर धुआँ कर मच्छर व मक्खियों आदि से दूर रखने हेतु गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है।

पशुधन मंत्री ने बताया कि पशुपालकों को पारम्परिक चिकित्सा व्यवस्था नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर उस पानी में हल्दी के साथ लेप बनाकर पशु के शरीर पर लगाने का परामर्श दिया गया है जो कि बहुत प्रभावी है। प्रदेश स्तर पर लम्पी चर्म रोग के सघन अनुश्रवण हेतु टीम-9 का गठन किया गया है रिंग एवं वेल्ट के माध्यम से सघन टीकाकरण हेतु नेपाल से मध्यप्रदेश तक 320 किलोमीटर लम्बी व 10 किलोमीटर चौड़ी रिंग एवं वेल्ट बनायी हुई है।

पशुधन मंत्री ने बताया कि विभाग बड़े प्रभावी ढंग से इसमें काम कर रहा है। हर जिले में मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है और लखनऊ मुख्यालय पर भी एक कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है जो प्रदेश के पशुपालकों से सूचनाएं प्राप्त कर त्वरित कार्यवाही कर रहा है जिसका टोल फ्री नं०-18001805141 व लैण्डलाइन नं0-0522-2741992 और मो० नं०-7880776657 है, जिनपर सूचनायें दी जा सकती हैं। उन्होने कहा कि रोग की नियंत्रण हेतु प्रत्येक प्रभावित जिले में पशुधन विभाग की टीमें काम कर रही है।

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