नहीं मानी हार- पूर्व प्रधान ने 50 की उम्र में कर ली इंटरमीडिएट पास
शादी से पहले कक्षा 8 उत्तीर्ण करने के बाद ससुराल में जाकर प्रधान बनी महिला ने शिक्षा की महत्ता को जानते हुए
बागपत। इंसान के अंदर यदि लगन और कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो कामयाबी प्राप्त करने में उम्र कोई मायने नहीं रखती है। शादी से पहले कक्षा 8 उत्तीर्ण करने के बाद ससुराल में जाकर प्रधान बनी महिला ने शिक्षा की महत्ता को जानते हुए जब आगे पढ़ने का निर्णय लिया तो उनकी लगन और मेहनत के आगे असफलता कहीं भी नहीं ठहर सकी। शनिवार को घोषित हुए इंटरमीडिएट के परिणामों में पूर्व प्रधान अच्छे नंबरों के साथ उत्तीर्ण घोषित की गई है।
दरअसल जनपद के छपरौली ब्लाक क्षेत्र के गांव निरपुडा की पूर्व प्रधान मुनेश देवी ने शादी से पहले छपरौली कस्बे के विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से कक्षा 8 पास की थी। इसके बाद मुनेश देवी की शादी हो गई जिसके चलते पढ़ाई लिखाई से उनका नाता टूट गया। पिछली योजना के दौरान मुनेश देवी ने ग्राम सभा के प्रधान के लिए पर्चा भरा और वह प्रधान निर्वाचित हो गई। इस दौरान मुनेश देवी का जगह-जगह पढ़ाई लिखाई से सामना पड़ा। जिसके चलते उन्होंने संकल्प लिया कि वह गांव में साक्षरता की दर बढ़ाने के लिए गंभीर रूप से प्रयास करेंगी। गांव की बुजुर्ग महिलाओं से लेकर नई पीढ़ी की कोई बेटी बिना शिक्षा के ना रह जाए इसलिए उन्होंने दोबारा से पढ़ाई शुरू करने की ठान ली। दोबारा से पढ़ाई शुरू करने के पीछे उनकी यही मंशा रही कि इस उम्र में उन्हें आगे पढ़ाई करता हुआ देखकर गांव की अन्य महिलाओं के मन के भीतर भी पढ़ाई के प्रति ललक बढ़ेगी। पूर्व प्रधान ने वर्ष 2017 में दोघट के गांधी स्मारक इंटर कॉलेज मैं एडमिशन लेते हुए कक्षा 9 की परीक्षा पास की और उसके बाद हाई स्कूल उत्तीर्ण करते हुए आगे भी पढ़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। जिसके चलते पूर्व प्रधान ने पिछले साल कक्षा 11 उत्तीर्ण की और इस साल इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिये फार्म भर दिया। हालाकि कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष बोर्ड परीक्षाये आयोजित नही की गई। जिसके चलते हाईस्कूल और कक्षा 11 के प्राप्ताकों के आधार पर शनिवार को माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की ओर से घोषित किए गए रिजल्ट में पूर्व प्रधान मुनेश देवी अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हुई है। 50 साल की उम्र में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए पूर्व प्रधान मुनेश देवी ने यह बात साबित करके समाज के सामने रख दी है कि यदि इंसान के भीतर इच्छा शक्ति है तो वह दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी काम को पूरा कर सकता है।