आंदोलन को धार-हर गांव से 10 किसान बॉर्डर पर आंदोलन में होंगे शामिल

भारतीय किसान यूनियन ने राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या को संतुलित करने के लिए नई नीति अपनाई है।

Update: 2021-07-13 13:17 GMT

गाजियाबाद। नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन चला रहे किसानों को धरना देते हुए अगले दिनों में 8 माह पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे हालातों में आंदोलन को धार देने के लिये भारतीय किसान यूनियन ने राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या को संतुलित करने के लिए नई नीति अपनाई है। जिसके अंतर्गत एक गांव से 10 प्रदर्शनकारी किसान 15 दिन तक रहते हुए बॉर्डर पर प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।

मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के सह मीडिया प्रभारी सौरभ उपाध्याय ने बताया है कि भाकियू आंदोलन को धार देने के लिये गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल होने वाले किसानों के लिए नई योजना बना रही है। समर्थकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि एक गांव से 15 दिन तक यहां रुकने के लिए तैयार दस लोगो को गाजीपुर बाॅर्डर धरना देने के लिये भेजा जाये। उन्होंने कहा है कि इस नियम के तहत हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में किसानों की संख्या में संतुलन कायम रहे। फिलहाल हमारे पास तकरीबन 4 से 5 हजार किसान धरनास्थल पर मौजूद हैं। भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान संघ के मुख्य संघ संयुक्त किसान मोर्चा का अहम हिस्सा है। भारतीय किसान यूनियन का देश के हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बड़ा जनाधार है। जहां से दिल्ली उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में चल रहे विरोध प्रदर्शन में रोजाना बड़ी संख्या में लोग शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।

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