हरियाली से जुड़ीं बेटियां- श्याम सुंदर को मिला पद्मश्री पुरस्कार

विदेशी भी इस गांव में आकर रहने की चाह रखते हैं। यह गांव अपनी हरियाली की वजह से इसरो की नजरों में भी दूर से ही आ जाता है।

Update: 2021-01-26 12:54 GMT

नई दिल्ली। बिटिया के जन्मदिन पर 111 पेड़ लगाने की परम्परा का गणेश करने वाले प्रगतिशील समाजसेवक श्याम सुंदर पालीवाल को पद्मश्री पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है। राजस्थान के पिपलांत्री गांव के समाजसेवक ने अपने गांव को ऐसा आदर्श गांव बनाया है, विदेशी भी इस गांव में आकर रहने की चाह रखते हैं। यह गांव अपनी हरियाली की वजह से इसरो की नजरों में भी दूर से ही आ जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की इच्छा होती है कि वे शहर में रहें। शहरी लोग महानगरों में रहना चाहते हैं। कहने का तात्पर्य है कि सभी लगातार अपनी सुख-सुविधाओं को बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन राजस्थान में एक ऐसा गांव भी है, जहां वर्तमान में विदेशी भी आकर रहने की इच्छा रखते हैं। सवाल उठता है कि क्या ऐसा गांव हो सकता है, तो प्रश्न है, यदि मन में कुछ करने की प्रबल इच्छा हो, तो गांव को भी ऐसा बनाया जा सकता है।


ऐसा ही एक गांव है पिपलांत्री। राजस्थान के इस गांव की आबादी लगभग 2 हजार है। इस गांव को आदर्श रूप में स्थापित करने में न तो सरकार का सहयोग है और न ही किसी एजेंसी का ही इस सबमें हाथ है। इस गांव को स्मार्ट गांव बनाने में यहां के पूर्व सरपंच और ग्रामीणों का ही सबसे बड़ा योगदान है।

कुछ सालों पहले तक यह गांव उजाड़ था। पानी का तो मानो नामो-निशान ही खत्म हो चुका था। संगमरमर की खदानों से उड़ती धूल ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा था। लेकिन अब इसका कायाकल्प हो चुका है। हरियाली इतनी कि आसमान से इसरो की टीम को यह इलाका अलग ही नजर आता है। प्रत्येक दिन कोई न कोई पर्टयक, शोधकर्ता, ग्रामीण यहां आता है और विदेशियों का तो जैसे यहां जमावड़ा सा लगा रहता है।

इस गांव का कायाकल्प करने में जिसका नाम सर्वप्रथम सामने आता है, वह इस गांव के पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल। वे कौन बनेगा करोड़पति के शो में भी नजर आ चुके हैं। श्याम सुंदर पालीवाल ने यहां पर्यावरण संरक्षण की जिस तरह से पहल शुरू की है, वह अपने आप में अनूठी है और इसके अलावा कहीं भी देखने को नहीं मिलती हैं। इस गांव में बेटी के जन्म पर 111 पौधे लगाये जाते हैं और जब किसी की मृत्यु होती है, तो 11 पौधे रोपित किये जाते हैं। लड़कियां उक्त पौधों को भाई मानकर उनकी देखभाल करती हैं और उन्हें वृक्ष बनाने में अपना योगदान देती हैं। इसके तहत अब पूरा गांव वृक्षों से आच्छादित है और प्रदूषण दूर-दूर तक नहीं दिखाई देता।


पौधे लगाना बड़ी बात नहीं है, लेकिन उनका पालन-पोषण करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इसे धर्म के साथ जोड़ दिया गया है, इसलिए लड़की पौधे को भाई मानकर उसकी सेवा और देखभाल करती है, जिससे पूरा गांव हरियाली से परिपूर्ण हो गया है।

देशभर में अपनी अनूठी पहल से गांव को स्मार्ट गांव बनाने वाले और समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी प्रगतिशील समाजसेवक श्याम सुंदर पालीवाल को पद्मश्री देकर सम्मानित किया गया है। पीएम मोदी से लेकर अमिताभ बच्चन और राहुल गांधी तक श्याम सुंदर पालीवाल के कार्य की सराहना कर चुके हैं।




 



 



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