लखीमपुर हिंसा मामले में मोनू की जमानत अर्जी पर अदालत ने किया फैसला

बीते साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले में उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गयी थी

Update: 2022-01-18 14:22 GMT

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' के पुत्र एवं लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने आरोपी की जमानत अर्जी का विरोध किया। वहीं, आरोपी के वकील ने अदालत के समक्ष अपनी दलीलें पेश करते हुये कहा कि आरोपी ने खुद इस वारदात अंजाम दिया, इसे साबित करने वाले ना तो सबूत मिले हैं और ना ही यह साबित हुआ है कि वारदात में इस्तेमाल वाहन को आरोपी खुद चला रहा था।

इस बिना पर आरोपी के वकील ने अदालत से आरोपी को नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर जमानत देने का अनुरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया।

गौरतलब है कि बीते साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले में उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गयी थी। इस मामले में प्राथमिक जांच के आधार पर आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इससे पहले आशीष की जमानत अर्जी, सत्र अदालत से खारिज हो चुकी है। अदालत के इस आदेश को आरोपी ने उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुये जमानत याचिका दायर की थी।


वार्ता

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