गोआश्रय स्थलों का निर्माण एवं विस्तारीकरण कार्य तेजी से किया जाए- धर्मपाल सिंह
उन्होंने कहा कि संरक्षित किये जाने वाले निराश्रित गोवंश के देखभाल हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कर ली जाए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां पशुपालन निदेशालय में आहूत बैठक में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु 01 नवम्बर से 31 दिसम्बर, 2023 तक चलाये जाने वाले अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वृहद कार्ययोजना बनाकर मिशन मोड में कार्य किया जाए और किसी भी स्तर पर कोई व्यवस्थागत कमी न रहने पाए। उन्होंने कहा कि संरक्षित किये जाने वाले निराश्रित गोवंश के देखभाल हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कर ली जाए और उनके चारे, भूसे, टीन शेड, पेयजल, विद्युत आपूर्ति एवं उपचार आदि के समुचित इंतजाम पूरे कर लिये जाए।
पशुधन मंत्री ने निर्देश दिए कि टीम-09 आगामी 07, 08 व 09 नवम्बर को अपने आवंटित मण्डलों में मण्डलायुक्तों के साथ बैठक करके अभियान को गति दें। इसके साथ ही विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 21, 22 व 23 नवम्बर को जाकर अभियान की समीक्षा किये जाने हेतु निर्देश निर्गत किये जाए। इसके साथ ही गोसंरक्षण केन्द्रों, गोआश्रय स्थलों के निर्माण एवं गोआश्रय स्थलों के विस्तारीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि 18 अक्टूबर को निदेशालय पर बैठक आहूत करके प्रदेश के सभी मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को अभियान के संबंध में दिशा-निर्देशित किया जाए।
पशुधन मंत्री ने टीम-09 से लम्पी रोग की अद्यतन स्थिति के संबंध में भी विस्तार से जानकारी ली और कहा कि जो पशु लम्पी रोग ग्रसित है उनका पर्याप्त उपचार किया जाए और टीकाकरण का अभियान तीव्र गति से जारी रखा जाए। बैठक में बताया गया कि अब तक 1.41 करोड़ टीकाकरण किया गया है। वर्तमान में लम्पी रोग से प्रभावित जनपदों की संख्या 41 है और 10574 गोवंश रोग से ग्रसित हैं। मृत गोवंशों की संख्या 68 है और 9605 गोवंश उपचार उपरान्त स्वस्थ हो गये हैं। 901 गोवंश का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने मिशन ए0आई0 (कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम) के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे ने मंत्री को आश्वस्त किया कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु अभियान के संबंध में प्राप्त दिशा निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों के निर्माण तेजी से किया जा रहा है और गोआश्रय स्थलों के विस्तारीकरण हेतु आवश्यक कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निराश्रित गोवंश को संरक्षित करते समय संवेदनशीलता बरती जाए और विशेष सचल दस्ते, टैªक्टर एवं कैटल कैचर की सहायता ली जाए।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पांडेय, विशेष सचिव अमरनाथ उपाध्याय, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनन्द कुमार, विशेष सचिव दुग्ध विकास राम सहाय यादव, निदेशक पशुपालन डा0 ए0के0 जादौन, अपर निदेशक गोधन डा0 जे0के0 पांडेय तथा एलडीबी के कार्यकारी अधिकारी डा0 नीरज गुप्ता उपस्थित थे।