CM कर गए ऐलान- MDA ने नहीं दिए गरीबों को मकान

मुख्यमंत्री ने मंच से एलान किया था कि इस बार गरीबों की दिवाली का दीया उनके नए के नए घर के भीतर ही जलेगा।

Update: 2021-11-08 11:57 GMT

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से 1744 लोगों को मुरादाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान सौंपने के ऐलान के बाद भी एमडीए की ओर से चाबी नहीं सौंपी जा सकी है। जिसके चलते सीएम की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक दीपावली पर नए मकानों में गरीबों का दीया नहीं चल सका है।

दीपावली के पंच दिवसीय पर्व की श्रंखला अब समाप्त हो चुकी है। लोगों के घरों के भीतर गंगा स्नान के पर्व की तैयारियां चल रही है। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र पाए गए आवंटन को अभी तक घर की चाबी प्राप्त करने के लिए मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जबकि 2 नवंबर को मुरादाबाद में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1744 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान सौंपने का ऐलान किया था।

मुख्यमंत्री ने मंच से एलान किया था कि इस बार गरीबों की दिवाली का दीया उनके नए के नए घर के भीतर ही जलेगा। लेकिन एमडीए अधिकारियों की हीला हवाली के चलते मुख्यमंत्री का यह दावा पूरा नहीं हो सका है। सोमवार को मकान की चाबियां नहीं मिलने से गुस्साए आवंटियों ने मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर पर इकट्ठा होते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान आवंटितों ने एमडीए दफ्तर पर मुख्यमंत्री के खिलाफ भी नारे लगाए। एमडीए ऑफिस पर पहुंची गीता तिवारी का कहना है कि जब मुख्यमंत्री की ओर से आवंटितों को चाबियां देने की घोषणा कर दी गई है तो अधिकारियों की ओर से आवंटियों को मकानों की चाबियां क्यों नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि जिस दिन मुख्यमंत्री आए थे उस दिन एमडीए की ओर से चार-चार बार उनके पास फोन गए थे कि मकान की चाबियां लेने के लिए आ जाओ। लेकिन पहुंचने पर घंटों के इंतजार के बाद भी उन्हें चाबियां नहीं दी गई। मुख्यमंत्री के जाते ही आवंटितों को अधिकारियों द्वारा बैरंग लौटा दिया गया।

प्राधिकरण के गेट पर मकान की चाबी के इंतजार में पहुंची ममता का कहना है कि उसने 10 फ़ीसदी के ब्याज पर साहूकारों से पैसा लेते हुए एमडीए में जमा कराया था। 2 साल हो गए हैं, लेकिन मकान आज तक भी नहीं मिला है। ममता का कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से मंच से मकान देने की घोषणा करना और अब चाबी नहीं देना गरीबों का खुल्लम खुल्ला मजाक है।

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