चुनाव से पहले सपा को झटका-साइकिल से उतरे पार्षदों ने थामा कांग्रेस का हाथ
समाजवादी पार्टी को झटका देते हुए आधा दर्जन पार्षदों ने साइकिल से उतरकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
कानपुर। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को झटका देते हुए आधा दर्जन पार्षदों ने साइकिल से उतरकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने समाजवादी पार्टी को छोड़कर आए सभी आधा दर्जन पार्षदों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराते हुए अपने दल में उनका स्वागत किया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की उपस्थिति में समाजवादी पार्टी के 6 पार्षदों ने साइकिल से उतरकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। कांग्रेस विधायक सोहेल अंसारी की मौजूदगी में कानपुर नगर निगम में समाजवादी पार्टी के सुहेल अहमद, शिब्बू अंसारी, शशि, राकेश साहू, आबिद अली और महेंद्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने समाजवादी पार्टी को छोड़कर आए आधा दर्जन पार्षदों का पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस में शामिल हुए सभी पार्षद सीसामऊ विधानसभा सीट से ताल्लुक रखते हैं। सपा विधायक इरफान सोलंकी ने वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सुरेश अवस्थी को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी। आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी चुनौती देने की तैयारी कर रही सपा के लिए पार्षदों का पार्टी छोड़ना एक बड़ा झटका है। इस मौके सुहैल अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि कानपुर में समाजवादी पार्टी की स्थिति के बारे में सभी जानते हैं। इसके विधायक इरफान सोलंकी ने पिछले चार वर्षों में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया है, और पिछले दो दशकों में सीसामऊ में कोई विकास कार्य नहीं किया गया है। इसके अलावा सोलंकी का व्यक्तिगत व्यवहार भी संदिग्ध है।
इरफान सोलंकी के साथ सुहैल के मतभेद नए नहीं हैं। वह 2017 के चुनावों में बागी हो गए थे और यहां तक कि सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन भी दाखिल किया था। लेकिन धर्मगुरुओं और रणनीतिकारों के दखल के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था।
सुहैल अहमद सीसामऊ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के टिकट की उम्मीद कर रहे हैं।