शिकायत होते ही कार छोड़कर भागा रिश्वतखोर लेखपाल- खूब हुआ ड्रामा

रिश्वतखोर लेखपाल की जब डीएम, इनकम टैक्स के अधिकारियों को शिकायत कर दी तो लेखपाल अपनी कार को तहसील में ही छोड़कर भाग गया।

Update: 2023-12-21 05:38 GMT

आगरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद सरकारी अफसर और कर्मचारी लगातार रिश्वत लेकर अपना घर भरने में लगे हुए हैं। खसरा खतौनी में नाम दर्ज करने की एवज में पांच लाख रुपए की घूस लेने वाले रिश्वतखोर लेखपाल की जब डीएम, कमिश्नर, एसडीएम, एंटी करप्शन एवं इनकम टैक्स के अधिकारियों को शिकायत कर दी तो रिश्वतखोर लेखपाल अपनी कार को तहसील में ही छोड़कर भाग गया। रिश्वतखोरी के इस मामले को लेकर सदर तहसील में रात भर खूब ड्रामा चला।

दरअसल आगरा के बमरौली कटारा के रहने वाले उमेश के एक परिचित को खसरा खतौनी में अपना नाम दर्ज करना था। इसके लिए जब उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल चौधरी भीमसेन से संपर्क किया तो आरोप है कि लेखपाल ने खसरा खतौनी में नाम दर्ज करने की एवज में 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। पीड़ित ने जब उमेश को बताया तो वह बुधवार की दोपहर अपने हाथ से लेखपाल को 5 लाख रुपए देने के लिए पहुंचा। काफी जद्दोजहद के बाद लेखपाल 500000 रुपए की रिश्वत में काम करने को तैयार हो गया।

लेखपाल ने उमेश से लिए 500000 रुपए लेकर अपनी स्विफ्ट कार में रख लिए और तहसील पहुंच गया। उमेश भी रिश्वतखोर लेखपाल के पीछे-पीछे तहसील में पहुंच गया। लेखपाल ने तहसील में जिस स्थान पर रुपए रखी कार खड़ी की थी उमेश पाल भी वहीं पर खड़ा हो गया। इसी बीच उमेश पाल ने रिश्वतखोर लेखपाल चौधरी भीमसेन की शिकायत जिलाधिकारी, कमिश्नर, एसडीएम, एंटी करप्शन एवं इनकम टैक्स के अधिकारियों से कर दी। जैसे ही लेखपाल को रिश्वतखोरी की शिकायत होने की बात का पता चला तो वह सदर तहसील में ही अपनी कार को छोड़कर भाग गया। बुधवार की रात तकरीबन 11:00 बजे तक कार तहसील सदर परिसर में खड़ी रही। रिश्वत लेने की सूचना पर एसडीएम सदर और एसीपी लोहा मंडी तथा तहसीलदार मौके पर पहुंच गए। काफी इंतजार के बाद भी जब लेखपाल मौके पर नहीं पहुंचा तो पुलिस द्वारा क्रेन की सहायता से सदर तहसील में छोड़ी गई लेखपाल की कार को शाहगंज थाने भिजवा दिया। एसीपी मयंक तिवारी ने बताया है की कार को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में खड़ा कराया गया है। सवेरे तक यदि लेखपाल मौके पर नहीं पहुंचता है तो फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी में लेखपाल की कार को खुलवाया जाएगा। इस दौरान समूचे घटनाक्रम की वीडियो ग्राफी भी की जाएगी। एसडीएम का कहना है कि लेखपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

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