ज्ञानवापी पर एक और याचिका- पूर्व महंत मांगेंगे पूजा के लिए अनुमति

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का मामला अभी तक पूरी तरह से सुलझ भी नहीं पाया है कि शिवलिंग पर हक को लेकर अभी से लड़ाई शुरू हो गई है

Update: 2022-05-22 11:06 GMT

 वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का मामला अभी तक पूरी तरह से सुलझ भी नहीं पाया है कि शिवलिंग पर हक को लेकर अभी से लड़ाई शुरू हो गई है। मां श्रृंगार गौरी एवं ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई सोमवार 23 मई को जिला जज की अदालत में होगी। इस दिन ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की नियमित पूजा की अनुमति के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत अदालत में अपनी याचिका दाखिल करेंगे।

   रविवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी की ओर से कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर के भीतर से सर्वे के दौरान जो शिवलिंग मिला है, उसकी नियमित तौर पर पूजा अर्चना होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा के लिए वह आगामी 23 मई दिन सोमवार को अदालत में अपनी एक याचिका दाखिल करेंगे। डॉक्टर कुलपति तिवारी ने कहा है कि इतने लंबे इंतजार के बाद बाबा हमें मिले हैं तो उनकी पूजा-अर्चना नहीं होना शिव भक्तों के लिए बेहद ही कष्टकारी होगा।

 उन्होंने कहा है कि वह अदालत में याचिका को दाखिल करते हुए इस बात की मांग करेंगे कि उन्हें बाबा के श्रंगार, भोग राग, स्नान, साफ-सफाई और पूजा पाठ का अधिकार मिले।

 उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान मस्जिद के वजूखाने में पत्थर की एक और संरचना मिली है। उसे लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है वही मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह फव्वारा है।

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