भाकियू का ऐलान-अब लखनऊ के चारों तरफ डेरा डालेंगे किसान

मिशन यूपी एवं उत्तराखंड का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि गांव-गांव जाकर भाजपा व उसके सहयोगी दलों के नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा।

Update: 2021-07-26 13:08 GMT

लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार के ऊपर नए कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए अब दिल्ली की तर्ज पर लखनऊ के चारों तरफ भी किसानों द्वारा अपना डेरा डाला जाएगा। मिशन यूपी एवं उत्तराखंड का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि गांव-गांव जाकर भाजपा व उसके सहयोगी दलों के नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा। इसके लिए किसानों को जागरूक करने हेतु यात्रा और रैलियां आयोजित की जाएंगी।

सोमवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान पिछले 8 महीने से भी अधिक समय से केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों की वापस लेने की मांग करते हुए आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए अब किसान मिशन यूपी व उत्तराखंड की शुरुआत कर रहे हैं। जिसके अंतर्गत गांव-गांव जाकर भाजपा व उसके सहयोगी दलों के नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा। इसके लिए लोगों को जागरूक करने हेतु यात्रा और रैलियां आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आगामी 5 सितंबर को किसानों की बड़ी पंचायत का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालय पर महापंचायत का आंदोलन होगा। पंजाब और हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी हर एक गांव किसान आंदोलन का किला बनेगा। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद में घोटाला हुआ है। जल्दी ही इसका खुलासा किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि किसानों से 12 सौ रुपए से लेकर 14 सौ रुपए प्रति कुंतल की दर से गेहूं खरीदा गया है। इसे किसानों से खरीदकर व्यापारियों ने एमएसपी रेट पर सरकारी केंद्रों पर बेच दिया है। इसके सारे दस्तावेज हमने जुटा लिए हैं। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हमारा युवा 3-टी पर काम करता है। इसका मतलब यह है कि जब वह फौज में जाता है तो वहां पर टैंक चलाता है। जब गांव में आता है तो खेती किसानी करते हुए ट्रैक्टर चलाता है और जब वह खाली होता है तो ट्विटर चलाता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली देशभर में सबसे महंगी है। महंगाई से किसानों की कमर टूट गई है। पूरे उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या से किसान बुरी तरह से त्रस्त है। गौशालाओं के नाम पर केवल शोषण और भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के चार चरण होंगे। जिसके तहत पहले चरण में प्रदेश के सभी संगठनों के साथ संपर्क किया जाएगा। दूसरे चरण में मंडल वार किसान कन्वेंशन और बैठकें आयोजित की जाएंगी। तीसरे चरण में 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। चौथे चरण में सभी मंडल मुख्यालयों पर किसानों की महापंचायतें आयोजित की जाएंगी।

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