प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई- 45 लाख का लगा जुर्माना
जिले की पांच औद्यागिक इकाइयों पर प्रदूषण फैलाने के कारण 45 लाख रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले की पांच औद्यागिक इकाइयों पर प्रदूषण फैलाने के कारण 45 लाख रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा. दिनेश चंद्र पांडे ने रविवार को बताया कि इन इकाइयों में स्टार पेपर मिल भी शामिल है जिस पर 27 लाख 60 हजार रूपए जुर्माना किए जाने की संस्तुति की गई है।
उन्होने बताया कि जिले में ऐसी कई औद्योगिक इकाइयां है जिनसे निकलने वाला प्रदूषित पानी सहारनपुर की हिंडन, कृष्णा और काली नदी को प्रदूषित करता है। उसे पूरी तरह से रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से अभियान चला रहा है। इन सभी इकाइयों में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसपीटी) और एफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) लगे हुए है। लेकिन या तो वह कम क्षमता के है और या फिर सुचारू ढंग से काम नहीं कर रहे है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. अर्चना द्विवेदी, उपजिलाधिकारियों के दलों ने इन इकाइयों का स्थलीय निरीक्षण किया। जहां भी कमियां पाई गई उन्हें तत्काल दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए।
स्टार पेपर मिल के अलावा जिन अन्य चार औद्योगिक इकाइयों पर जुर्माना लगाने की संस्तुति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई है। उनमें सुपर टैक्सटाइल तिपरपुर पर तीन लाख 60 हजार, गर्ग डाइंग कामधेून काप्लेक्स पर पांच लाख 60 हजार, श्रीकृष्णा बोर्ड मिल पर एक लाख 10 हजार और मैकहौजरी पर सात लाख का जुर्माना शामिल है।
डा. पांडे ने बताया कि त्रिवेणी ग्रुप की देवबंद चीनी मिल बजाज ग्रुप की गांगनौली चीनी मिल, गागलहेडी स्थित दया शुगर मिल और किसान सहकारी चीनी मिल नानौता का भी दल द्वारा निरीक्षण किया गया। नानौता चीनी मिल के प्रबंधक को आवासीय क्षेत्र में बहने वाले पानी को साफ करने के निर्देश दिए गए। पांडे ने बताया कि देवबंद, गांगनौली और गागलहेडी चीनी मिलों की स्थिति सामान्य मिली है। लेकिन संबंधित अधिकारियों को सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है।
वार्ता