यूपी में कोविड से भी पुख्ता जंग
कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश में भी इसके चलते कई लोग चपेट में आ रहे हैं।
लखनऊ। कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश में भी इसके चलते कई लोग चपेट में आ रहे हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कड़े उपाय किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोरोना गाइड लाइन का गंभीरता से पालन करने की अपील जनता से की है और इसके साथ ही वैक्सीनेशन पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। वैक्सीनेशन के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे निकल रहा है। माना जा रहा है कि कोरोना महामारी में सबसे बड़ी चुनौती वे बने हैं जो एसिम्टोमैटिक हैं। डाक्टरों के अनुसार एसिम्टोमैटिक वे लोग होते हैं जिनमें कोरोना वायरस तो है अर्थात् वे पाॅजीटिव हैं लेकिन उनमें कोरोना के कम या बिल्कुल ही लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए मास्क, हैंडवाश और आपस में कम से कम चार फिट की दूरी बनाकर रखना और वैक्सीनेशन करवाना ही संक्रमण से बचने का रास्ता है। कोरोना वैक्सीन को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति भी हुई थी हालांकि सरकारी अस्पतालों में टीका लगवाने वालों की जिस तरह भीड़ नजर आ रही है, उससे वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाने वालों की साजिश तो असफल ही हो चुकी है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने भी पिछले दिनों कोरोना वैक्सीन लगवायी है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां सबसे अधिक लोगों का टीकाकरण हुआ हैं। इतना ही नहीं एक दिन में पांच लाख से ज्यादा टीकाकरण का रिकॉर्ड भी यूपी के नाम दर्ज हुआ है। पांच अप्रैल को यूपी में 5,01599 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। कोविन पोर्टल पर भी यूपी पहले नंबर पर है। दूसरे और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र और राजस्थान है।
यूपी के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का काम तेजी से किया जा रहा है। अभी तक 60,47,808 लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। जबकि 11,25,255 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई है और 5 अप्रैल को प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन की डोज दी गई। उधर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की बात करें तो महामारी बहुत तेजी से फैल रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में लगातार इजाफा हो रहा है। गत 6 अप्रैल को बीते 24 घंटे के अंदर करीब 1.20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में 5 अप्रैल को 1,79,417 लोगों की जांच की गई। इसमें 5928 लोग संक्रमित मिले। सैंपल की अपेक्षा संक्रमण की दर 3.30 फीसदी पाई गई। जबकि एक दिन पहले यह 2.10 थी। लखनऊ के बाद प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। मौजूदा समय में प्रदेश में 27509 एक्टिव केस हैं। गत 6 अप्रैल को राजधानी लखनऊ में सर्वाधिक 1188 नए मरीज मिले। प्रयागराज में 915, वाराणसी में 711, कानपुर नगर में 306, गोरखपुर में 146, सहारनपुर में 144, मेरठ 122, ललितपुर 115 और झांसी में 110 नए मरीज मिले थे।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का विस्फोट हुआ है। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कुलपति डॉ विपिन पुरी और चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिमांशु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। साथ ही संस्थान के 40 अन्य डॉक्टरों के भी पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि सर्जरी विभाग में 20 डॉक्टर संक्रमित पाए गए हैं जबकि यूरोलॉजी विभाग में नौ डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में भी तीन डॉक्टर संक्रमित मिले हैं। इसके अतिरिक्त अन्य चिकित्सक स्टाफ के भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। खास बात है कि यह सभी डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं। केजीएमयू में संक्रमित ज्यादातर डॉक्टरों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज 25 मार्च को ले ली थी।
वहीं, बीते 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना वायरस के 5,928 नए मरीजों की पुष्टि हुई है और 30 संक्रमितों की मौत हो गई है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे में 5,928 नये संक्रमित पाये गये हैं जिसके बाद कुल मामलों की संख्या बढ़कर 6,39,928 हो गई है। उन्होंने बताया कि इसी अवधि में 30 संक्रमितों की मौत के बाद जान गंवाने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,924 हो गई है। बता दें कि 5 अप्रैल को कोविड-19 के 3,999 मामले आए थे। प्रसाद ने बताया कि राज्य में इस समय संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 27,509 है। उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे में 1,176 मरीजों को उपचार के बाद अस्पतालों से घर भेजा गया है जबकि 6,03,495 मरीज इलाज के बाद संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज ली। वैक्सीन लगवाने के बाद उन्होंने चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को धन्यवाद देते हुए महामारी से लड़ाई में उनके योगदान की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण सवाल यह उठाया कि वैक्सीन को लेकर राजनीति न हो।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि महामारी से लड़ाई में वैक्सीन एक बड़ा हथियार है। कोरोना मुक्त भारत के लिए पूरे देश में वैक्सिनेशन ड्राइव चल रही है। उन्होंने अपील की कि सभी पात्र लोग इस अभियान का हिस्सा बने कोविड की लड़ाई में एकजुटता का परिचय दें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि वे पहले ही दिन से आज तक पूरी शिद्दत से इस महामारी को परास्त करने के प्रयासों में लगे लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं। उन्होंने देश के वैज्ञानिकों का अभिनंदन करते हुए कहा की आज उनके प्रयासों से दूसरे देशों से दवाई आयात करने वाला भारत वैक्सीन मैत्री से विश्व समुदाय की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने पूरी दुनिया के अनुभवों से सीख ली है। महामारी पर जीत तभी सम्भव है जब सब एकजुटता का परिचय दें।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने वैक्सिनेशन ड्राइव को लेकर टीका टिप्पणी की थी, प्रधानमंत्री जी के ऊपर भी बेजा टिप्पणियां की। अब प्रधानमंत्री जी ने भी वैक्सीन लगा ली है और जब-जब जिसका नम्बर आ रहा है। वो अपनी बारी पर वैक्सीन लगवा रहा है। उन्होंने विपक्ष के नेताओं खासकर राहुल गांधी व अखिलेश यादव से भी अपील की कि वे भी कोरोना से जंग में एकजुटता का परिचय दें और वैक्सीन लगवाएं। लोगों को इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद भी दो गज की दूरी और मास्क का उपयोग जरूर करें। यह महामारी को हराने का सबसे बड़ा हथियार है। दवाई के साथ कड़ाई भी अभी बहुत जरूरी है। कोरोना संक्रमण से लड़ने में आम जनता का भी सहयोग जरूरी है। (हिफी)