मोर्चरी में 7 घंटे तक रखे मुर्दे में पोस्टमार्टम के समय बड़ी जान मची भगदड़

आमतौर पर कहा जाता है कि हर आदमी के जीवन की सांसों की डोर ऊपर वाले के हाथों में होती है

Update: 2021-11-19 13:22 GMT

मुरादाबाद। आमतौर पर कहा जाता है कि हर आदमी के जीवन की सांसों की डोर ऊपर वाले के हाथों में होती है, जब भी उसका आदेश होता है तो सांसे टूट जाती है और व्यक्ति इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है। लेकिन जब ऊपरवाला सांसे लौटाता है तो वह मुर्दे में भी जान डालकर अपनों को खुश होने का मौका दे देता है। इसी तरह का नजारा मुरादाबाद में देखने को मिला है, जहां सड़क दुर्घटना में मरा व्यक्ति 7 घंटे बाद जीवित हो गया और लोग एकटक उसे निहारते हुए कुदरत के करिश्मे पर विश्वास करने को विवश हो गए।

दरअसल शुक्रवार की सवेरे तकरीबन 11.00 बजे जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखे गए शव को पोस्टमार्टम की कार्यवाही के लिए निकाला गया था। पुलिस जिस समय पंचनामा भरने की तैयारी करते हुए शव पर मौजूद चोटों के निशान को देखकर उन्हें कागजों में दर्ज कर रही थी। उसी दौरान पुलिस को एहसास हुआ कि मरे व्यक्ति की सांसें चल रही है। इस बात की जानकारी मिलते ही मोर्चरी में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में इस बात की जानकारी जिला अस्पताल के डॉक्टरों को दी गई। मृत व्यक्ति के जिंदा होने की बात सुनते ही डॉक्टर मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल करने के बाद उस व्यक्ति के जिंदा होने की पुष्टि की। इसके बाद उपचार के लिए संबंधित व्यक्ति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले की जानकारी मिलते ही परिवारजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। थोड़ी देर पहले जहां परिवार के लोगों में मरघटी सन्नाटा पसरा हुआ था, वही व्यक्ति के जिंदा होने से उनके खुशी के आंसू निकल आए।

दरअसल मझोला थाना क्षेत्र के श्रीकेश देर रात घर से दूध लेने के लिए निकला था। सड़क पार करते समय श्रीकेश एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ गया। परिजनों को जब इस हादसे की जानकारी मिली तो वह श्रीकेश को एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए ,जहां चिकित्सकों ने जांच पड़ताल करने के बाद श्रीकेश को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल में पहुंच गई और वहां भी इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने श्रीकेश का चेकअप करते हुए उसे मृत घोषित कर शव को मोर्चरी में रखवा दिया। शुक्रवार की सवेरे जब पुलिस पंचनामा भरने की तैयारी कर रही थी और शव के चोटों के निशान को नाप तोल कर कागजों में दर्ज किया जा रहा था, उस समय श्रीकेश की सांसे चलती हुई दिखाई दी। जिसके चलते श्रीकेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया। श्रीकेश के जीवित जीवित होने पर लोग ऊपर वाले का करिश्मा बता रहे हैं।



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