गन्ने के कैंसर से किसानों का 3.27 अरब का नुकसान

सर्वाधिक गन्ना कुशीनगर में 9330 हेक्टेयर सूखा है इसका मुख्य कारण पिछले छह महीने तक खेतों में पानी जमा होना बताया जा रहा है।

Update: 2020-11-20 10:36 GMT

कुशीनगर। उत्‍तर प्रदेश के कुशीनगर समेत छह जिलों में गन्ने के कैंसर से किसानों को 3.27 अरब का नुकसान हुआ है। गन्ने के कैंसर से इन जिलों में 50 हजार किसानों की 105 लाख कुंतल गन्ना सूख गई है। इसमें सर्वाधिक गन्ना कुशीनगर में 9330 हेक्टेयर सूखा है। इसका मुख्य कारण पिछले छह महीने तक खेतों में पानी जमा होना बताया जा रहा है।

कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती व संत कबीरनगर जिलों में लगातार हुई बारिश का खामियाजा करीब पचास हजार किसानों का भुगतना पड़ रहा है। गन्ने की क्षमता से अधिक लगातार छह महीनों तक बारिश होने के कारण 13703 हेक्टेयर गन्ना सूख गया है। इसमें सर्वाधिक कुशीनगर का क्षेत्रफल है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गन्ना विभाग ने पिछले सितंबर महीने में पर्यवेक्षकों व चीनी मिल के कर्मचारियों की टीम लगाकर खेतों में सूख रहे गन्ने का सर्वे कराया। इसमें यह आकड़ा सामने आया। सीएम की वर्चुवल मीटिंग में कुशीनगर सांसद विजय कुमार दुबे समेत सभी विधायकों ने इस समस्या को उठाया था।

एक किसान ने बताया कि आधा हेक्टेयर गन्ने के खेत में कुल पांच कुंतल गन्ना निकला है। बाकी सब गन्ना सूख गया है। खेत को खाली करने में गन्ने से ज्यादा मजदूरी देनी पड़ी है।

मार्च महीने से लेकर अगस्त तक लगातार छह महीने तक हुई बारिश से गन्ना के खेतों में पानी जमा रहा। गन्ने की फसल के लिए बुआई से लेकर कटाई तक कुल 900 से 1000 एमएम पानी की आवश्यकता पड़ती है। लगातार बारिश की देन है कि कुशीनगर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 12 सौ लेकर 16 सौ एमएम तक बरसात हुई है, जो गन्ने की क्षमता से औसतन ज्यादा है। इसका खामियाजा गन्ना किसानों का उठाना पड़ा है।

कुशीनगर में 91 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुआई हुई है। इसमें सर्वाधिक संख्या में को 0238 प्रजाति के गन्ने को किसानों ने 77 हजार हेक्टेयर में बुआई की है। पानी की क्षमता रोकने में कमजोर इस प्रजाति का गन्ना ज्यादा सूखा है। इससे प्रजाति के गन्ने में रेडरॉट कैंसर भी लगा है।

जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि कुशीनगर में ढाई लाख किसानों ने 91 हजार हेक्टेयर में गन्ने की बुआई की है। गन्ना विभाग समेत पांच चीनी मिलों के तीन सौ कर्मचारियों की टीम से सितंबर महीने में सर्वे कराया गया था। इसमें रेडरॉट, उकठा रोग व जलप्लावन से 9330 हेक्टेयर गन्ना सूख गया है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

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