व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग युवाओें को दिला रहा प्रशिक्षण

व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अधीन संचालित विभिन्न इकाईयों द्वारा दीर्घकालीन व अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण प्रदान कराये जाते हैं

Update: 2020-10-11 15:15 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्थापित विभिन्न प्रकृति के उद्योगों, औद्योगिक इकाईयों तथा सेवा क्षेत्र से सम्बन्धित प्रतिष्ठानों के संचालन हेतु कुशल कर्मकार तैयार करने और उन्हें व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान कराकर रोजगार एवं स्व-रोजगार से जोड़कर उच्च गुणवत्ता के जीवन यापन को सुनिश्चित कराने का कार्य व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा सफलतापूर्वक कराया जा रहा है। वर्तमान सरकार के गठन से अब तक के समयांतराल में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व गुणात्मक सुधार करते हुये उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से अनेक नवीन परियोजनायें प्रारम्भ कर सफलातपूर्वक संचालित हैं।

व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अधीन संचालित विभिन्न इकाईयों द्वारा दीर्घकालीन व अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण प्रदान कराये जाते हैं। दीर्घकालीन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यमों से कराया जाता है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 01 व 02 वर्षीय अवधि के अभियान्त्रिकी तथा गैर-अभियान्त्रिकी विषयों के पाठ्यक्रम संचालित है।

विगत वर्षों में सेवा क्षेत्र के बढ़ते दायरे तथा स्कूल छोड़ने वाले युवाओं को कौशल प्रशिक्षित करने के उददेश्य से उ0प्र0 कौशल विकास मिशन का गठन करते हुये विभिन्न अवधि के अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन निःशुल्क किया जा रहा है। मिशन द्वारा संचालित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के द्वारा 14 से 35 आयु वर्ग के युवाओं (जिनमें महिलाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातिध्अनुसूचित जनजाति, शारीरिक रूप से अक्षम, गरीब और कम पढे लोग सम्मिलित है) को प्रशिक्षित कर सेवायोजित कराने हेतु विभिन्न योजनाओं को एकीकृत रूप से मानकीकृत करते हुये इसके अन्तर्गत संचालित किया गया है। उ0प्र0 कौशल विकास मिशन द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में आबद्ध किये गये प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से रोजगारपरक 32 रोक्टर्स के 709 पाठ्यक्रमों में अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संचालित किया जा रहा है। अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की अवधि 03 दिवस से 06 माह तक की होती है। कतिपय प्रशिक्षण कार्यक्रमों की अवधि 1 वर्ष तक की है। इसके अतिरिक्त मिशन द्वारा पूर्व ज्ञान का प्रमाणीकरण-आर०पी०एल0 को भी संचालित किया गया है। आर0पी0एल0 के माध्यम से ऐसे समस्त कामगार, जो अनुभव के आधार पर एक अथवा एक से अधिक कौशल में दक्ष हैं किन्तु उनके पास दक्षता से सम्बन्धित प्रमाणीकरण उपलब्ध नही है, के लिये 07-10 दिवस का लघु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर उन्हे प्रमाणीकृत किया जाता है।

इसके अतिरिक्त युवाओं को उद्योगों व अधिष्ठानों में सीधे व्यावहारिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के क्रम में शिक्षुता प्रशिक्षण (एप्रिन्टिसशिप ट्रेनिंग) प्रदान किये जाने की व्यवस्था है। शिक्षुता प्रशिक्षण की अवधि में नियोजित युवाओं को उद्योगों व अधिष्ठानों द्वारा प्रशिक्षण भत्ता प्रदान किया जाता है। देश एवं प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कुशल अनुदेशकों की कमी को पूर्ण करने के उद्देश्य से एन.सी.वी.टी. द्वारा शिल्पकार अनुदेशक प्रशिक्षण योजना (सी आई.टी.एस) को प्रारम्भ किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत अनुदेशकों तथा सी. टी.एस. प्रमाण-पत्र धारकों को एन.सी.वी.टी. के निर्दिष्ट व्यवसायों में 1 वर्षीय प्रशिक्षण प्रदान कराया जाता है। प्रदेश में सी.आई.टी.एस. योजना के अन्तर्गत प्रादेशिक स्टाफ प्रशिक्षण एवं शोध केन्द्र, अलीगंज-लखनऊ में 04 व्यवसायों जिसमें फिटर, इलेक्ट्रीशियन, सीविंग टेक्नोलॉजी तथा मैकेनिक रेफरीजरेशन एण्ड एयर-कन्डीशनिंग व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान कराया जा रहा है।

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