1.21 लाख महिलाओं को 112-UP ने पहुंचाई सहायताः ADG

112-यूपी के एडीजी असीम अरूण ने बताया कि अब तक 112-यूपी द्वारा 1,21,509 महिलाओं को सहायता पहुंचाई जा चुकी है।

Update: 2021-03-07 13:31 GMT

लखनऊ। 112-यूपी के एडीजी असीम अरूण ने बताया कि अब तक 112-यूपी द्वारा 1,21,509 महिलाओं को सहायता पहुंचाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अब तक घरेलू हिंसा के 3,27,833 मामलों में 112-यूपी ने मदद पहुंचायी है।

112-यूपी के एडीजी असीम अरूण ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए मिशन शक्ति चलाया जा रहा है। इस मिशन के तहत 17 अक्टूबर 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 1,21,509 महिलाओं को सहायता पहुंचाई गई है।

उन्होंने बताया कि वर्ष भर में 112-यूपी ने उत्तर प्रदेश में घरेलू हिंसा के मामलों में 3,27,833 पीड़ित महिलाओं तक मदद पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के लिए प्रदेश में 300 महिला पीआरवी 112 संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि रात्रि में अकेली महिलाओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए महिला एस्कार्ट की सुविधा शुरू की गयी है। गांव हो या शहर कोई भी महिला रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक इस सुविधा का लाभ ले सकती हैं। एक वर्ष में 518 महिलाओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।

उन्होंने बताया कि बुजुर्गों में सामाजिक सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने के उद्देश्य से 'सवेरा' योजना के तहत 1,70,296 महिलाओं का पंजीकरण किया गया है। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए 112-यूपी द्वारा जिलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। प्रदेश भर में 300 महिला पीआरवी चलाई जा रही हैं। इन पीआरवी पर महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि पीड़ित महिला बेझिझक अपनी बात महिला पुलिस कर्मियों को बता सके।

उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाओं को 112 की तरफ से प्रबल प्रतिक्रिया दी जाती है। 1090 व 181 के साथ एकीकरण मिशन शक्ति का उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाना भी है। प्रदेश के किसी भी कोने से अगर कोई महिला पुलिस की मदद लेने के लिए 1090 पर कॉल करती है, तो उसकी कॉल 112-यूपी पर स्थानांतरित कर दी जाती है। इसी तरह स्वरोजगार के लिए किसी तरह की मदद चाहने वाली महिलाओं की कॉल को 112 से 181 स्थानांतरित की जाती है। विभिन्न सरकारी हेल्प लाइनों से एकीकरण के बाद 112-यूपी के कार्य का दायरा भी बढ़ गया है।

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