श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में आत्मघाती हमले की 15वीं बरसी, पीड़ित परिजनों की अपील

जब भी आतंकी हमले की बरसी आती है, तभी सबको उनकी सुध आती है। उसके बाद फिर उपेक्षित ही छोड़ दिया जाता है

Update: 2020-07-05 15:43 GMT

अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि में हुए आत्मघाती हमले की आज 15वीं बरसी पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं। जिले की सभी सीमाओं को सुरक्षा के लिहाज से सील किया गया है और जिले के सभी मार्गो पर सुरक्षा इंतजाम अधिक कर दिए गए है। जिले के भीतर आईडी देखने के उपरांत ही स्थानीय लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है।

आपको बता दें कि 15 वर्ष पहले यानी कि 5 जुलाई 2005 को अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में आत्मघाती फिदायिन हमला हुआ था। हालांकि सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में सभी 5 आतंकी ढेर हो गए थे। आत्मघाती फिदायिन हमले के बाद से अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। आत्मघाती आतंकी हमले में शहीद परिवारजनों ने देश के पीएम नरेंद्र मोदी के आतंकवादियों के खिलाफ आतंकवादी विरोधी अभियान को सराहा है। परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार के समय घोषित मुआवजे का भुगतान किया जाए।

दरअसल श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 5 जुलाई 2005 को आत्मघाती फियादीन हमला किया गया था। इस हमले में संलिप्त सभी पांच फिदायीन आतंकियों को रामलला की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने मौके पर ही मार गिराया था। इस हमले की साजिश में शामिल अन्य पांच लोग भी गिरफ्तार किए गए थे। जिनमें से बीते दिनों 4 लोगों को उम्र कैद की सजा तथा 1 को बरी कर दिया गया था। इस घटना में तीन परिवार भी हम लेके शिकार हुए थे जिनमें एक महिला सहित 2 अन्य भी शामिल थे। पीड़ितों के परिवार ने साजिशकर्ताओं की उम्र कैद की सजा को कम आंका हैं। उनका कहना है कि फिदायीनों को कम से कम फांसी की सजा होनी ही चाहिए थी।

हमले में शहीद हुए रमेश पंडा की पत्नी कहती हैं कि जब भी आतंकी हमले की बरसी आती है, तभी सबको उनकी सुध आती है। उसके बाद फिर उपेक्षित ही छोड़ दिया जाता है। 2005 में हमले के वक्त छोटी बच्ची भी अब बड़ी हो चुकी है, ग्रेजुएशन में रही है। उनकी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि उनकी बेटी को सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही मकान में जिंदगी बसर कर रही सुधा पांडे कहती हैं कि सरकार की मदद से हमारे मकान की मरम्मत हो जाए और हमारी बच्ची को एक नौकरी मिल जाए।

इसी हमले में अपनी पत्नी को खो चुकी शांति देवी के पति ने 5 बच्चों को जैसे-तैसे पाला अब बच्चे बड़े हो चुके हैं लेकिन पत्नी के खोने का गम आज भी उनको है। हमले के वक्त केंद्र में सत्ताधारी दल ने तब मुआवजे की घोषणा की थी। उस मुआवजे को भी आज तक हमें नहीं दिया गया। रामचंद्र यादव कहते हैं कि फियादीन आतंकी हमले में शहीद होने वालों के परिवार को किसी तरीके की सरकारी मदद नहीं मिली है।

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