गांधी के आदर्शों से बच्चों को जिन्दगी में बहुत कुछ अच्छा करने की मिलेगी प्रेरणा: राज्यपाल

महात्मा गाँधी के अर्थ दर्शन के अनुसार हमें चुनौती, शक्ति, परिस्थिति और संसाधन को मिलाकर अवसर में विकसित करना है।

Update: 2020-09-04 13:10 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को राजभवन से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के पीआईबी द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती समारोह के अवसर पर आयोजित वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता, स्वदेशी और स्वावलंबन गांधी जी द्वारा बताये गये ऐसे मंत्र हैं, जो कोविड-19 जैसी महामारी और उससे उत्पन्न हुई परिस्थितियों के समाधान में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी के अर्थ दर्शन के अनुसार हमें चुनौती, शक्ति, परिस्थिति और संसाधन को मिलाकर अवसर में विकसित करना है। 

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महात्मा गाँधी वास्तव में भारत के लिये एक वरदान थे। महात्मा गाँधी आज विश्व चिन्तन का विषय हैं, चाहे वह रोजगार हो या विश्व-शांति की स्थापना हो। उन्होंने कहा कि गांधी जी जिन आदर्शों का पालन करते थे, वह हमारी सामूहिक जीवंत विरासत का हिस्सा है। इस विरासत में 'एक राष्ट्र' होने का विचार समाहित है। गांधी जी कुटीर और ग्रामीण उद्योग को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण मानते थे। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए 'वोकल फॉर लोकल' पर जोर दिया है।

राज्यपाल ने कहा कि भारत में संसाधन बहुत हैं जिनसे विभिन्न प्रकार के उपयोगी सामान विश्व स्तर के बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में असंख्य कुशल हाथ हैं, जिनका उपयोग करके प्राकृतिक संपदाओं से बहुत कुछ बनाया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। महात्मा गाँधी की पूरी जीवन-यात्रा प्रयोगों की अविरल धारा के समान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हमारे युवाओं और विद्यार्थियों के लिये गांधी जी की कही हुई बातों को जानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी के आदर्शों से बच्चों को जिन्दगी में बहुत कुछ अच्छा करने की प्रेरणा मिलेगी।

राज्यपाल ने कहा है कि महात्मा गाँधी ने अपने विचारों के माध्यम से राजनैतिक, दार्शनिक, सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन किए। उन्होंने दबे-कुचले दलित वर्ग के लोगों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं छुआ-छूत का विरोध किया तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल किया। महात्मा गाँधी ने जनसामान्य को साफ-सफाई की महत्ता बताने के साथ ही स्वच्छता के लिये प्रेरित भी किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए गाँधी जी को उनकी 150वीं जयन्ती पर 'स्वच्छ भारत अभियान' को एक जन-आन्दोलन का रूप दिया।

राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज्य की कल्पना की थी। वे चाहते थे कि हर गांव एक आत्मनिर्भर इकाई बने। समाज के अन्तिम आदमी तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के महात्मा गाँधी के इसी सपने को मोदी सरकार पूरा कर रही है। महात्मा गाँधी शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़कर देखते थे। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो लोगों को रोजगार दे सके। सरकार का कौशल विकास मिशन इसी दिशा में एक मजबूत कदम है।

इस अवसर पर विधायक सुरेश श्रीवास्तव, पीआईबी लखनऊ के क्षेत्रीय एडीजी आरपी सरोज, छपरा विश्वविद्यलय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के प्रोफेसर राम प्रकाश, बाबा भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रोफेसर महेन्द्र कुमार पाधी, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुकुल श्रीवास्तव एवं पीआईबी के उप निदेशक डॉ0 श्रीकांत श्रीवास्तव आनलाइन उपस्थित थे।

(आईपीएन)

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