कोविड हेल्प डेस्क एक उपयोगी प्लेटफार्म है- अमित मोहन प्रसाद

कल एक दिन में सर्वाधिक 42,354 सैम्पल की जांच की गयी इस प्रकार प्रदेश ने कोविड-19 की जांच में 10 लाख का आकड़ा पार करते हुए

Update: 2020-07-11 13:07 GMT

लखनऊ। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। कल एक दिन में सर्वाधिक 42,354 सैम्पल की जांच की गयी। इस प्रकार प्रदेश ने कोविड-19 की जांच में 10 लाख का आकड़ा पार करते हुए अब तक कुल 11,16,466 सैम्पल की जांच की गयी है। इससे प्रदेश कोरोना टेस्ट में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 11,490 कोरोना के मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 22,689 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पूल टेस्ट के अन्तर्गत कुल 2916 पूल की जांच की गयी, जिसमें 2443 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 473 पूल 10-10 सैम्पल की जांच की गयी।

अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 1,64,017 सर्विलांस टीम द्वारा 1,19,14,911 घरों के 6,08,71,541 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप से अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा निरन्तर फोन किया जा रहा है। अलर्ट जनरेट होने पर अब तक लगभग 1,75,000 लोगों को कंट्रोल रूम द्वारा फोन कर जानकारी प्राप्त की गयी। उन्होंने बताया कि सी0एम0 हेल्प लाइन से भी निरन्तर फोन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विभिन्न विभागों द्वारा लगभग 36 हजार से अधिक कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किये जा चुके है। उन्होंने कहा कि कोविड हेल्प डेस्क एक उपयोगी प्लेटफार्म है। उन्होंने बताया कि लखनऊ, गोण्डा, मिर्जापुर, बरेली, मुरादाबाद, वाराणसी और अलीगढ़ में आर0टी0पी0सी0आर0 की 01-01 कुल 07 नयी प्रयोगशाला क्रियाशील हो गयी हैं, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आज विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में किया गया। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश के सभी मण्डल मुख्यालयों पर कोरोना से सम्बंधित लैब स्थापित हो गयी हैं।

अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में आशा, ए0एन0एम0 एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां जनसंख्या स्थरीकरण के लिए बेहतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 16 से 31 जुलाई के मध्य चलने वाले दस्तक अभियान में आशा वर्कर्स, ए0एन0एम0 एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां घर-घर जाकर सर्विलांस के कार्यों के साथ-साथ काॅन्ट्रासेप्टिवस एवं परिवार नियोजन की अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी, जिससे प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।

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