कैप्टन अमरिंदर को शिअद की नसीहत
वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर सैनिकों को बिना हथियार भेजा जाए। यदि वह हमारे एक सैनिक को मारे तो हमें उनके पांच को मारना चाहिए
पंजाब। गलवान घाटी में सैनिकों की शहादत के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुझाव दिया है कि भारत सरकार को अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए। सीमा पर तैनात सैनिकों को आत्मरक्षा व राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए गोली चलाने के आदेश होने चाहिए। कैप्टन फेसबुक लाइव पर लोगों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वह इस पक्ष में नहीं हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर सैनिकों को बिना हथियार भेजा जाए। यदि वह हमारे एक सैनिक को मारे तो हमें उनके पांच को मारना चाहिए। सैनिकों को बिना हथियार भेजना बिल्कुल गलत है। जब उनकी एलएसी पर पोस्टिंग थी तो वह और उनके सैनिक पेट्रोलिंग पर जाते समय हथियार लेकर जाते थे। वह दो साल तक एलएसी पर तैनात रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम परमाणु युग में रह रहे हैं और हम अपने साथ डंडे लेकर चल रहे हैं और डंडों से ही पीटे जा रहे हैं। हमारे सैनिक चीन की पत्थरबाजी और लाठियों के हमले में शहीद हुए जिस पर इतने सहज तरीके से यकीन नहीं किया जा सकता।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने उनको नसीहत दे डाली है। शिअद ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा है कि वे सेना की बातें सैनिकों पर छोड़ दें और उनको उपदेश देना बंद करें। कैप्टन की केंद्र से चीन को स्पष्ट संदेश देने की मांग पर शिअद ने यह भी कहा कि संकट की घड़ी में हम सब केंद्र सरकार के साथ एकजुट खड़े हैं। अकाली दल के वरिष्ठ नेता और सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि यह बेहद तकलीफदेह है। मुख्यमंत्री इस तरह की बयानबाजी करके केंद्र सरकार को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर कमजोर बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य जुनून भड़काना और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण करना है। इस तरह के बयानों से बंटवारा पैदा होता है। जब पंजाब के चार बहादुर जवान शहीद हो गए हैं, ऐसे समय में हमारे दुश्मनों द्वारा इसका फायदा उठाए जाने की बहुत ज्यादा संभावना है। यह किसी भी मुख्यमंत्री के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने सीएम को याद करवाया कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय सेना में एड दी कैंप (एडीसी) थे, उस समय से लेकर अब हालात बहुत तेजी से बदल चुके हैं। सीमा पर स्थिति गतिशील है। कोई भी बाहर से बैठकर यह टिप्पणियां नहीं कर सकता कि स्थिति ऐसी है और क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फील्ड में कैसा जवाब दिया जाए, इसका निर्णय सिर्फ जनरलों और कमांडिग अधिकारियों पर छोड़ दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को भी भारतीय सेना के कामकाज में दखल नहीं देना चाहिए, यहां तक की पूर्व सैनिक को भी नहीं।
भूंदड़ ने कहा मुख्यमंत्री ने जिस कार्य के नियमों के बारे में टिप्पणी की थी, उसके बारे में उन्हें पता होना चाहिए कि चीन के साथ 1996 में किए गए समझौते का हिस्सा था और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए कार्यकाल के दौरान 2005 में इसकी पुष्टि की गई थी। कैप्टन ने इस तथ्य की अनदेखी की है और इस नीति को बदलने की जरूरत के बारे में बात कर रहे हैं और सैनिकों को शस्त्रों के उपयोग की स्वतंत्रता की अनुमति के बारे में बोल रहे हैं।
(मोहिता स्वामी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)