वाह पोता हो तो ऐसा- जुग जुग जियो मेरे लाल- दादा दादी को कांवड़...
राह चलती महिलाओं ने पोते के कंधों पर यात्रा कर रहे दादा दादी के चरण स्पर्श भी किए और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुजफ्फरनगर। श्रावण मास की शिवरात्रि पर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए तीर्थ नगरी हरिद्वार से कांवड़ियों का जल लेकर आने का सिलसिला शुरू हो गया है। दादा दादी को कंधे पर बैठाकर कांवड ला रहे कलयुग के श्रवण कुमार को देखकर लोगों की आंखों से बरबस ही आंसू निकल पड़े और उन्होंने ऐसे युवाओं को इस श्रवण कुमार से सीख लेने की नसीहत दी जो माता पिता और दादा दादी के बाल सफेद होने के साथ ही पत्नी को खुश रखने के लिए उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ आते हैं।
बृहस्पतिवार को तीर्थ नगरी हरिद्वार से गंगाजल के रूप में अपने दादा दादी को कांवड़ में बैठाकर गाजियाबाद के असल्तपुर जा रहा युवक राहुल सैनी जब धर्म नगरी मुजफ्फरनगर के जीटी रोड से होकर गुजरा तो कलयुग के इस आधुनिक श्रवण कुमार को अपने मजबूत कंधों पर 85 वर्षीय दादा धन्नू और 82 वर्षीय दादी बलवीरी को पैदल चलते देखकर उनके बरबस ही कदम ठहर कर रह गए।
20 जून को हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ में अपने दादा दादी को बैठाकर पैदल यात्रा करने वाले राहुल सैनी बृहस्पतिवार की सवेरे तकरीबन दस बजे शहर की तीर्थ स्थली शिव चौक पर पहुंचे। जहां दादा दादी के साथ राहुल सैनी और उसके दो सहयोगियों गांव के ही रहने वाले पप्पू और हिमांशु ने भगवान आशुतोष को नमन किया और उनसे अपनी यात्रा को सकुशल पूर्ण करने की मन्नत मांग कर अपने गंतव्य को चल पडे। पप्पू एवं हिमांशु के सहयोग से दादा दादी को अपने मजबूत कंधों पर उठाकर चल रहा राहुल सैनी जिस जिस रास्ते से होकर गुजरा, उस रास्ते पर राहगीरों के कदम बरबस ही उसे देखकर ठहर गए।
मीनाक्षी चौक पर खड़े होकर डयूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने चौराहे पर अन्य वाहनों को रोककर कलयुग के इस आधुनिक श्रवण कुमार के लिए रास्ता क्लियर कराया और उसे चौराहे से सकुशल आगे किया। इस दौरान रास्ते में मिले लोगों ने कलयुग के इस श्रवण कुमार की वीडियो भी अपने कैमरे में कैद की। राह चलती महिलाओं ने पोते के कंधों पर यात्रा कर रहे दादा दादी के चरण स्पर्श भी किए और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
खोजी न्यूज़ द्वारा जब गाजियाबाद के गांव असलतपुर फखरू के रहने वाले राहुल सैनी से बात की गई तो उसने बताया कि उसकी और उसके दादा दादी की इच्छा थी कि मैं श्रावण मास की कांवड़ यात्रा पर उन्हें तीर्थ यात्रा कराऊं। भगवान आशुतोष ने मुझे अपने दादा दादी और स्वयं मेरे इस स्वप्न को पूरा करने का मौका दिया। मैने इसके लिए गांव के ही रहने वाले पप्पू एवं हिमांशु से सहयोग मांगा जो सहर्ष उसके साथ चलने को तैयार हो गए। हरिद्वार से 20 जून को पप्पू और हिमांशु के सहयोग से गंगाजल के साथ अपने दादा दादी को कांवड में लेकर चलने वाला राहुल सैनी बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय पर पहुंचा। राहुल जैसे ही मुजफ्फरनगर पहुंचा तो उसे देखने के लिए लोग जमा हो गए और उसके प्रयास की सराहना करते हुए ऐसे युवाओं को नसीहत दी जो अपने माता पिता और दादा दादी के बाल सफेद होने के साथ ही पत्नी को खुश रखने के चक्कर में उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़कर आ जाते हैं।